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महिला सशक्तिकरण के लिए डिजिटल जागरूकता आवश्यक- डॉ. बलराम भार्गव 

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04 Nov 23
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महिला सशक्तिकरण के लिए डिजिटल जागरूकता आवश्यक- डॉ. बलराम भार्गव 

उदयपुर। लेकसिटी में देशभर के विज्ञान विषय विशेषज्ञ मंथन करने के लिए एकत्रित हुए हैं। महिला सशक्तिकरण व उद्यमिता विकास में विज्ञान व तकनीकी का प्रयोग विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुक्रवार को समारोहपूर्वक पेसिफिक विश्वविद्यालय में शुरू हुई। संगोष्ठी का उद्घाटन एआईआईएमएस नई दिल्ली के कार्डियोथोरेसिस के चीफ  पद्मश्री डॉ. बलराम भार्गव, प्रो.एच.एन. वर्मा, प्रो. एन.के. लोहिया, पेसिफिक विश्वविद्यालय के संरक्षक प्रो. बी.पी. शर्मा, पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रो. के.के. दवे, पेसिफिक विश्वविद्यालय डीन पीजी  स्टडीज डॉ. हेमन्त कोठारी ने किया । सेमीनार का आयोजन पेसिफिक विश्वविद्यालय और नेशनल अकेडमी ऑफ साईंसेज इण्डिया राजस्थान चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। सेमिनार का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके उद्यमिता विकास के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में समाज के विभिन्न वर्गों को संवेदनशील बनाना है। इसमें दिल्ली, लखनऊ, मुम्बई, जयपुर के विशेषज्ञ, संकाय सदस्य, विद्यार्थी तथा स्थानीय स्तर महिला सशक्तिकरण का कार्य करने वाले दक्षिण राजस्थान भी भाग ले रहे हैं। 

 

आयोजन सचिव प्रो. एस.डी. पुरोहित ने बताया कि मुख्य अतिथि डॉ. बलराम भार्गव ने अपने उद्बोधन में कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी स्थायी आधार पर महिलाओं के लिए आजीविका सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता में सुधार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कोविड के दौरान वेक्सीन के भारत में विकास को लेकर साइंस और प्रौद्योगिकी के योगदान पर प्रकाश डालते हुए सफलता के बारे में बताया। साथ ही कहा कि पूरी दूनिया के वैज्ञानिक कोविड वेक्सीन बनाने के लिए प्रयास कर रहे थे लेकिन भारत ने वैक्सीन का सफलतापूर्वक निर्माण कर दिया। इसमें कई लोगों की मेहनत रही लेकिन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के ज्ञान के बिना यह संभव नहीं हो पाता।

पद्म भूषण डॉ. मंजू शर्मा, पूर्व सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हमारे देश में अब एक पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है, हालांकि, हमें महिलाओं को बिना किसी लैंगिक पूर्वाग्रह के समाज में समान स्थान दिलाने के लिए और अधिक ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। सरकार के साथ कई निजी संस्थान, एनजीओ और उद्यम भी आगे आ रहे हैं।  पिछले कुछ दशकों के दौरान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के लिए अधिक अवसर पैदा करने के एजेंडे को दुनिया भर में तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है, जहां महिलाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अपना करियर चुनने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया जा रहा है। 

नासी राजस्थान चेप्टर चेयरमैन प्रो. एच. एन. वर्मा ने चैप्टर की ओर से होने वाली गतिविधियों के अन्तर्गत कृषि के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर प्रकाश डाला। प्रो. एन. के. लोहिया ने नासी की उपलब्धियों एवं राजस्थान की विभिन्न महिला वैज्ञानिकों के विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्रों में देश-विदेश में योगदान को सराहा। 

पुडुचेरी से आए वक्ता प्रो. वी.एम. कटोच ने डिजिटल प्रौद्योगिकी, डॉ. सतीश शर्मा ने जनजाति क्षेत्र में आय गतिविधियों, अजमेर से आए प्रो. के.के. शर्मा ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लक्ष्य एवं चुनौतियों, प्रो. रिता सिंह ने प्रजनन हार्मोन पर, प्रो. बरखा खिलवानी ने राजस्थान में महिला सशक्तिकरण के अवसर एवं चुनौतियों पर, प्रो. शोभना शर्मा ने विज्ञान के क्षेत्र में चुनौतियों पर, प्रो. किरण कटोच ने भारत में महिला एवं उनके स्वास्थ्य, प्रो. एस. डी. पुरोहित ने ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक वृद्धि के लिए वन सम्पदा का उपयोग एवं जे. परमजीत खुराणा ने कृषि उद्यमिता के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को विस्तार से बताया । 

पेसिफिक विश्वविद्यालय के संरक्षक प्रो. बी.पी. शर्मा ने कहा कि यह सेमीनार महिलाओं के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के सभी हितधारकों को एक साथ लाने की एक पहल है। सेमिनार का समग्र उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों की महिलाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है जो उन्हें न केवल अपनी आजीविका कमाने के लिए बल्कि आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने के लिए भी सशक्त बना सकता है।

पेसिफिक विश्वविद्यालय डीन पीजी स्टडीज डॉ. हेमन्त कोठारी ने बताया कि उदयपुर संभाग के सफल उद्यमियों के एक समूह को विशेष रूप से निपुण वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं से बातचीत करने का एक उत्कृष्ट अवसर इस सेमीनार में मिल रहा है। वे हमें बताएंगे कि अपने उत्पादों में मूल्यवर्धन द्वारा लाभ का दोहन करने में अपने दृष्टिकोण में सुधार करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपकरणों को एकीकृत करने में सक्षम होंगे। महिलाओं को सशक्त बनाना निश्चित रूप से सभी के लिए बेहतर और खुशहाल जीवन सुनिश्चित कर सकता है। वक्ताओं का स्वागत प्रो. के.के. दवे ने किया, संचालन प्रो. एस.डी. पुरोहित ने किया।


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