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बायोचार पर छ: दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

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07 Feb 23
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बायोचार पर छ: दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविध्यालय के नवीकरणीय ऊर्जा अभियांत्रिकी विभाग मे  सांस्थानिक विकास योजना (आई.डी.पी.) के तहत कौशल एवं उद्यमिता विकास के उद्देश्य से कृषि अवशेष से बायोचार के उत्पादन पर छ: दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत दिनांक 6 फरवरी को की गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम मे 50 प्रतिभागियो ने भाग लिया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. एस. के. शर्मा (निदेशक अनुसंधान), डॉ. पी. के.  सिंह (अधिष्ठाता, सीटीएई) एवं डॉ. महेश कोठारी (निदेशक, डीपीएम) रहे। डॉ. एस के शर्मा ने कृषि अपशिष्ट को बायोचार मे परिवर्तित करने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न नीतियो के माध्यम से ज़ोर देने का बताया। बायोचार को उत्कृष्ट मृदा उर्वरक के साथ साथ प्रदूषण मुक्त वातावरण के रूप मे बहु-उपयोगी बताया। डॉ. पी. के. सिंह ने बायोचार पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग कार्यक्रम के महत्व के बारे मे कौशल और उद्यमिता विकास के नजरिये से विस्तृत जानकारी दी। डॉ. महेश कोठारी ने बायोचार के उत्पादन हेतु उद्यमिता पर विशेष ज़ोर देते हुए बताया की यदि किसानो द्वारा खेतो मे बायोचार का इस्तेमाल किया जाये तो किसानो की वार्षिक आय मे 20 प्रतिशत तक की बढ़त हो सकती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजक सचिव एवं विभागाद्यक्ष डॉ. नारायण लाल पँवार ने बायोचार उत्पादन हेतु विभाग द्वारा विकसित एवं पैटेन्ट मशीनों के बारे मे बताते हुए प्रशिक्षण के दौरान स्वयं प्रतिभागियो द्वारा बायोचार का उत्पादन कर गुणवत्ता मूल्यांकन करवाये जाने पर ज़ोर दिया। कार्यक्रम के पश्चात विभाग द्वारा विकसित पोर्टेबल बायोचार मशीन का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीलम राठौड़ द्वारा किया गया। 
 


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