पेसिफिक अकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के विज्ञान संकाय द्वारा “जीवन एक कला है” विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया l इस आयोजन का शुभारंभ मां सरस्वती के स्मरण से हुआ l प्रोफेसर रामेश्वर आमेटा (डीन, फैकल्टी ऑफ़ साइंस) ने सभी प्रतिभागियों व मुख्य वक्ता का स्वागत किया l
डॉ नीतू अग्रवाल द्वारा मुख्य वक्ता का संक्षिप्त परिचय दिया गया l कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ (श्रीमती) गायत्री तिवारी (विभागाध्यक्ष, मानव विकास व फैमिली स्टडीज विभाग, सीनियर साइंटिस्ट, कॉलेज ऑफ कम्युनिटी एंड अप्लाइड साइंसेज, एम पी यू ए टी), उदयपुर ने अपने वक्तव्य में जीवन की महत्वता को रेखांकित करते हुए बताया कि जीवन एक कला है l इस कलाकृति में जितने सुंदर रंग भरेंगे वह उतनी ही सुंदर होगी l उन्होंने जीवन जीने के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी, उन्होंने यह भी बताया कि जागरूकता, सृजनशीलता, विश्लेषण आदि जीवन के महत्वपूर्ण आयाम हैl ईश्वर ने सभी को एक प्राकृतिक सुंदरता दी है, प्रत्येक व्यक्ति को इसी सुंदरता के साथ जीना चाहिए ना की किसी बनावटी व्यवहार के साथ l
डॉ तिवारी ने संवाद की महत्ता को भी बताया l उन्होंने बताया संवाद दो तरह के होते हैं- वार्तालाप रहित व वार्तालाप सहित l हम लोग हमारे हाव-भाव द्वारा जब संवाद करते हैं तो वह वार्तालाप रहित संवाद होता है , संवाद का यह तरीका भी अति महत्वपूर्ण
है l उन्होंने भावनात्मक जुड़ाव पर जोर दिया, उन्होंने बताया आज कल की दुनिया में लोग एक दूसरे से केवल वैचारिक व्यवहार रखते हैं, भावनात्मक जुड़ाव के लिए संवेदनशीलता को बढ़ाना होगा l आजकल की युवा पीढ़ी का रुझान परिवार की तरफ कम होता जा रहा है, जबकि परिवार ही हमारी वास्तविक पूंजी होती है l डॉ तिवारी ने कहा कि जीवन में अधिक आयु के बजाय अधिक गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने की आवश्यकता है l
कार्यक्रम के अंतिम क्षणों में उन्होंने पेसिफिक(PACIFIC) शब्द के अक्षरों को जीवन के विभिन्न आयामों से जोड़कर सुसज्जित किया l उन्होंने बताया कि पी का मतलब ‘पॉजिटिव’, ए का मतलब ‘एक्टिव’, सी का मतलब ‘चैलेंजिंग’, आई का मतलब ‘इंटरेस्टिंग’, एफ का मतलब ‘फ़्री’, आई का मतलब ‘इनवोल्व’ तथा सी का मतलब ‘चाइल्डलाइक’ l इन अर्थों को जीवन में अपनाने पर जीवन में सार्थकता प्राप्त कर सकते हैं l उन्होंने बताया कि यदि आप अपना जीवन इन 7 गुणों के साथ जिएंगे तो आप पेसिफिक(PACIFIC) के साथ रहकर जीवन की हर कठिनाई का सामना कर सकेंगे l
अंत में डॉ नीतू अग्रवाल द्वारा डॉ गायत्री तिवारी, प्रोफेसर रामेश्वर आमेटा, समस्त श्रोतागणों, पेसिफिक विश्वविद्यालय तथा तकनीकी टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया गया l कार्यक्रम का संचालन डॉ नीतू अग्रवाल द्वारा किया गया l