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सुखाड़िया विवि ने बढाया मदद का हाथ, देगा एक करोड़ ग्यारह लाख

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30 Apr 21
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सुखाड़िया विवि ने बढाया मदद का हाथ, देगा एक करोड़ ग्यारह लाख

मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय की सामाजिक दायित्व निर्वहन में अग्रणी भूमिका

माननीय उच्च शिक्षा मंत्री के अपील पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने सामजिक दायित्व को निभाते हुए कोविड संकट से निपटने के बढाया मदद का हाथ, प्रदेश में कोरोना महामारी की रोकथाम हेतु एक करोड़ ग्यारह लाख की राशि देने की घोषणा

कोरोना काल में मानव धर्म निभाने के लिए विश्वविद्यालय आए आगे : कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह

उदयपुर, उच्च शिक्षा में सक्रिय नवाचारो के पहचाने जाना वाला मेवाड़ संभाग का मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय अब मानव सेंवा में अपनी पताका लहराने की और अग्रसर हो रहा है। सम्पूर्ण प्रदेश में फ़ैली भयावय कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए अपने मानवीय और सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के साथ माननीय उच्च शिक्षा मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी की अपील पर मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह आगे आए है और उन्होंने ‘यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी’ के माध्यम से प्रदेश में कोरोना महामारी की रोकथाम हेतु आज हुई सीओडी की बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार विश्वविद्यालय की और से एक करोड़ ग्यारह लाख की राशि देने की सहमति व्यक्त की है, जो की प्रदेश में अब तक की किसी भी विश्वविद्यालय दुवारा दी जाने वाली सर्वाधिक राशि हैं। उक्त निर्णय कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित काउंसिल ऑफ डीन्स (सीओडी) की बैठक में लिया गया। जिससे असंख्य कोरोना पीड़ित परिवार लाभान्वित होंगे। सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में अग्रणी कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह के इस नवाचार ने प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। कोरोना काल में विश्वविद्यालयों की सामजिक दायित्वों की भूमिका को बल मिला है, यह समय है की प्रदेश के विश्वविद्याल मानव सेंवा के कार्य में आगे आए और अपनी सार्थक भूमिका का निर्वाह करें।

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ कुंजन आचार्य ने बताया कि कोविड की दूसरी लहर की भयावहता को देखते हुए विश्वविद्यालय ने मदद का हाथ बढ़ाया है। इसके लिए कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने पहल करते हुए शुक्रवार को संभाग भर के सभी संबद्ध महाविद्यालयों के प्रबंधन से ऑनलाइन बैठक की। इसी विषय पर काउंसिल ऑफ़ डीन्स की भी अलग से बैठक आयोजित की गई। बैठक में तय किया गया कि विश्वविद्यालय अपनी तरफ से एक करोड़ ग्यारह लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसके साथ ही विभिन्न संबद्ध महाविद्यालयों ने उनके भवनों को कोविड केयर सेंटर बनाने के रूप में अधिगृहित करने के लिए सहमति प्रदान की है। कुछ जगहों पर महाविद्यालयों के भवन का प्रशासन ने अधिग्रहण कर लिया है वहीं अधिकांश महाविद्यालयों ने कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए अपनी सहमति प्रदान की एवं कहा कि प्रशासन को जब भी जरूरत हो वह उनके भवन को ले सकते हैं। इसके साथ ही कुछ संबंद्ध महाविद्यालय जरूरतमंदों को नियमित तौर पर भोजन के पैकेट, टिफिन पहुंचाने, राशन सामग्री वितरण करने आदि का कार्य कर रहे हैं। संभाग के करीब 72 कॉलेज के प्राचार्य एवं प्रबंधन ने इस ऑनलाइन मीटिंग में भाग लिया। सीओडी की बैठक में कार्यवाहक रजिस्ट्रार भूपेश माथुर, विज्ञान महाविद्यालय की डीन प्रोफेसर कनिका शर्मा, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय की डीन प्रोफेसर सीमा मलिक, कॉमर्स कॉलेज के डीन प्रोफेसर पीके सिंह, डीन पीजी स्टडीज प्रोफेसर मदन सिंह राठौड़, लॉ कॉलेज डीन डॉ राजश्री पोटलिया, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर पूरणमल यादव के साथ ही प्रोफेसर सीआर सुथार, प्रोफेसर घनश्याम सिंह राठौड़, प्रोफेसर सीमा जालान, प्रोफेसर हनुमान प्रसाद, डॉ अविनाश कुमार आदि उपस्थित थे।

कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने कहा की सामाजिक समरसता हमारी भारतीय संस्कृति की अटूट परम्परा रही है, हमारे विश्वविद्यालय शिक्षा और संस्कृति के अभिरक्षक हैं किसी भी विपदा का हमने एकता, धैर्य और आपसी सहयोग के साथ दृढ़ता पूर्वक सामना किया है, आज एक बार पुन: हम सभी को एकजुट होकर इस वैश्विक महामारी का सामना करना है और विश्वविद्यालय अपने दायित्वों को ईमानदारी से निभा कर इस परिस्थति से उबरने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। समय आ गया है की प्रदेश के विश्वविद्यालय सशक्त स्तम्भ के रूप में एक साथ खड़े होकर प्रदेश के कोरोना पीड़ित हमारे भाई-बहनों की मदद के लिए आगे आए। वर्तमान समय में हमें सामाजिक दायित्वों की उपयुक्त नीतियां और सकारात्मक वातावरण बनाकर समाज के प्रति अपने योगदान को समझाना होगा ताकि राजस्थान प्रदेश का उच्च शिक्षा जगत कोरोना महामारी की रोकथाम में अपना योगदान दे सके।

उच्च शिक्षा की गुणवत्ता, विद्यार्थी हितों की प्रतिबद्धता की प्राथमिकता के साथ सुखाड़िया विश्वविद्यालय दुवारा कोरोनाकल में भी ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था को निर्बाध रूप से जारी रखा गया साथ ही समय पर घोषित परीक्षा परिणामों दुवारा असंख्य विद्यार्थी लाभान्वित हुए। विधार्थियों का अध्ययन-अध्यापन प्रभावित न हो इसलिए कुलपति के निर्देशन में टास्क फ़ोर्स बना कर अकादमिक व्यवस्थाओ को सुचारू किया गया। कोरोना काल में विधार्थियों के अकादमिक उन्नयन के लिए अन्य संस्थाओ के साथ एमओयू किए गए ताकि विधार्थी अकादमिक नवाचारो से लाभान्वित हो सके। शिक्षण शुल्क में 15 प्रतिशत के छूट देकर विधार्थियों को राहत प्रदान की गई व 150 विधार्थियों की फीस माफ़ की गई।अकादमिक उत्कृष्टता को बनाए रखते हुए विभिन्न उपयोगी एवं रचनात्मक शिक्षण गतिविधियो का ऑनलाइन संचालन किए गया। शैक्षणिक संवर्धन हेतु विषय विषेज्ञयों के मार्गदर्शन में विधार्थियों हेतु राष्ट्रिय वेबीनार्स का आयोजन किया गया। कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु विभिन्न सामाजिक संस्थाओ के सहयोग से 3 वैक्सीनेशन कैम्पस का आयोजन किया गया जिसके असंख्य नागरिको को लाभान्वित किया गया। सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सम्बद्ध महाविद्यालयों के सहयोग से उदयपुर, सिरोही, राजसमन्द व चित्तोड़गढ़ के सुदूर आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में 1.50 लाख मास्क और सेनेटाइजर का वितरण किया गया साथ ही निर्धन ग्रामीण आदिवासी में 5000 साड़ियो व वस्त्रो का वितरण किया गया जो वर्तमान में निरंतर जारी है। सुखाड़िया विश्वविद्यालय में कोविड सेंटर बनाने हेतु जिला प्रसाशन उदयपुर को प्रस्ताव दिया गया। कोविड महामारी से जुड़े मुद्दों पर सम्बद्ध महाविधालयों के माध्यम से आमजन में जागरूकता और सजगता लाने हेतु आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों सामाजिक अभियान चलाया गया। कुलपति अमेरिका सिंह दुवारा स्वयं 5 बार अभिभावकों और 12 बार 190 सम्बद्ध महाविधालयों के साथ वर्चुअल मीटिंग कर इस समस्या को सुना व विचार विमर्श कर उनका समाधान किया गया।

एनएसएस, एनसीसी, स्काउट, रेड रीबीन क्लब व अन्य सामाजिक संस्थाओ के सहयोग से विश्वविद्यालय दुवारा गोद लिए गए निकतम धर ग्राम में 2 बार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन एवं राशन, फल, सेनेटाइजर का ग्रामीणों में वितरण किया गया। धर ग्राम में स्थानीय आदिवासीयों में कोरोना संक्रमण कर प्रति जागरूकता उत्त्पन्न करने के लिए जागरूकता अभियान, शिविर व सोशियल एवं हेल्थ काउंसलिंग कार्यक्रमों का कुलपति के निर्देशन में सफल आयोजन किया गया। विश्वविध्यालय की टीम दुवारा निरंतर ग्रामीण क्षेत्रों भ्रमण कर इसका प्रचार-प्रसार किया गया। मुख्य रूप से विधार्थियों को सामाजिक दायित्वों के प्रति सक्रिय करने हेतु इस इन सभी सामाजिक अभियानों में उन्हें जोड़ कर समाज के प्रति उनके कर्तव्यो के अवगत कराया गया । कोरोना संक्रमण के प्रति आम जन में जागरूकता लाने हेतु कुलपति प्रो. सिंह दुवारा मेवाड संभाग की सामाजिक संस्थाओ और 190 महाविद्यालयों से वार्ता आकर चरणबद्ध रूप से क्रियान्वयन कर इस सामाजिक अभियान को चलाया गया जिसे ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामीणों दुवारा काफी सराहा गया साथ ही कुलपति प्रो. सिंह दुवारा स्वयं व्यक्तिगत रूप इस सभी कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता निभाते हुए उक्त अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया गया।


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