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कृषि क्षेत्र में लैंगिक समानता हेतु कृषक महिला को महिला कृषक बनाना होगा: प्रोफेसर नरेंद्र सिंह राठौड

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26 Feb 21
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कृषि क्षेत्र में लैंगिक समानता हेतु कृषक महिला को महिला कृषक बनाना होगा: प्रोफेसर नरेंद्र सिंह राठौड

सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय उदयपुर एवं मैनेज हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन वेबेक्स प्लेटफार्म पर दिनांक 22 फरवरी से 26 फरवरी तक किया जा रहा है।

महाविद्यालय की अधिष्ठाता मीनू श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन दिया।प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि पद से संबोधन में प्रोफेसर नरेंद्र सिंह राठौड कुलपति महाराणा प्रताप प्रौद्योगिकी एवं कृषि विश्वविद्यालय ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लैंगिक समानता के लिए पांच क्षेत्रों में कार्य करना होगा प्रथम लैंगिक समानता विभिन्नता के मुद्दे क्या है। द्वितीय महिला का कृषि विषयों में तकनीकी सशक्तिकरण की आवश्यकता। तृतीय उधम स्थापना द्वारा कृषक महिला को महिला कृषक में परिवर्तन करना। चतुर्थ कृषक महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण द्वारा आत्मनिर्भर बनने के क्रम में आने वाली समस्या का पता लगाना व पंचम उचित नीति व रणनीति द्वारा कृषि में महिलाओं की लैंगिक समानता। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में लगभग 120 उद्यमों में महिला उद्यमी बनने की संभावना है कुलपति ने इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।प्रशिक्षण के चतुर्थ दिवस में डॉ.सुशील सिंह, निदेशक अटारी जोधपुर ने संबोधित करते हुए कहा कि लैंगिक समानता के लिए महिलाओं को खाद्य एवं वितरण श्रेणी तक ही सीमित न रखें बल्कि उन्हें खाद्य उत्पादक श्रेणी में भी लाएं जिससे वे उद्यमी बनने की और अग्रसर होगी।

डॉ.विशाखा बंसल प्रशिक्षण आयोजक डॉ.सुधा बाबेल व डॉ.विशाखा बंसल ने बताया कि प्रशिक्षण में 350 प्रतिभागियों ने नामांकन करवाया एवं लगभग 120 प्रतिभागी निरंतर प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं।

कार्यक्रम में डॉ कुसुम शर्मा, वंदना जोशी, लतिका साचीहर व पीयूष चैधरी ने तकनीकी सहयोग दिया।कार्यक्रम का संचालन डॉ.विशाखा सिंह ने किया।


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