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आईसीआईसीआई सतत् आजीविका सोसायटी (आरसेटी) किसानो तक पहुंचायेगी एमपीयूएटी की रिसर्च तकनीक

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07 Jan 21
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आईसीआईसीआई सतत् आजीविका सोसायटी (आरसेटी) किसानो तक पहुंचायेगी एमपीयूएटी की रिसर्च तकनीक

आईसीआईसीआई ग्रामीण उद्यमिता प्रषिक्षण सस्ंथान, उदयपुर 2011 से युवाओं को निःषुल्क कौषल प्रषिक्षण प्रदान कर स्वरोजगार को बढ़ावा दे रहा है, इस सस्ंथान को विगत कई वर्शो से भारत की टाप परफोर्मिंग आरसेटी के रूप में मान्यता मिलती रही है। साल 2020 में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर को राजस्थान के कृषि विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान मिला है, एवं देष के अग्रणी विश्वविद्यालयों की सूची में भी षामिल किया गया है।

आईसीआईसीआई आरसेटी और एमपीयूएटी विगत कई वर्षों से उदयपुर जिले के किसानों की आजीविका में सुधार के लिए साथ काम कर रहे हैं। दोनों के बीच पारस्परिक सहयोग को और विस्तार देने के लिये दिनांक 05 जनवरी, 2021 को दोनो सस्ंथानों आईसीआईसीआई सतत् आजीविका सोसायटी (आईएसएएस) और महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर (एमपीयूएटी) के बीच एक मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर आनलाइन माध्यम के द्वारा हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर दोनों पक्षों के गणमान्य अधिकारी उपस्थित थे, जिनमे मुख्य रूप से - श्री अनुज अग्रवाल - अध्यक्ष, आईसीआईसीआई सतत् आजीविका सोसायटी, डा॰ नरेंद्र सिंह राठौड़ - कुलपति - एमपीयूएटी, उदयपुर, श्री संजय कुमार चैधरी - निदेशक, आईसीआईसीआई आरसेटी, श्रीमती कविता पाठक- रजिस्ट्रार, डा॰ एस.के. शर्मा-निदेशक (अनुसंधान), डा॰ एस.एल. मुन्दड़ा- निदेशक (एक्सटेंशन एजुकेशन), डा॰ राम अवतार कौशिक - प्रोफेसर, डा॰ इन्द्रजीत माथुर - समन्वयक- एटीआईसी, एमपीयूएटी और यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों और कालेजों के डीन और निदेशक उपस्थित थे, साथ ही आईसीआईसीआई आरसेटी, उदयपुर से श्री देवेंद्र सिंह - संयुक्त निदेशक और श्री रामगोपाल सामोता - प्रोग्राम मैनेजर- भी आनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।

एमओयू के कार्यक्षेत्र को व्यापक रखा गया है जिससे कि किसानो को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले और उनकी आमदनी में बढ़त हो। इस सहभागिता में, आईसीआईसीआई आरसेटी किसानो को प्रशिक्षण प्रदान करेगी व एमपीयूएटी तकनीकी जानकारी और विषेशज्ञो की सेवा प्रदान करेगी। इस एमओयू से मेवाड़ क्षेत्र में - जैविक खेती, फसलो की गुणवत्ता सुधार, एग्रो प्रोसेसिंग , स्थानीय कृशि उत्पादो के विपणन को विस्तार मिलेगा। किसानो को स्मार्ट तकनीक के प्रयोग को अपनाने के लिये प्रषिक्षण दिया जायेगा ताकि वो मौसम में हो रहे परिवर्तन के लिये तैयार रहे। इन वैष्विक विशम परिस्थ्तियों को देखते हुये यह सहभागीता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

कार्यक्रम का संचालन प्रियंका भंडारी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन देवेंद्र सिंह ने किया।


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