उदयपुर। प्रत्येक विद्यार्थी को शिक्षा के साथ-साथ स्वच्छता का ज्ञान होना जरुरी है। अपने दैनिक जीवन एवं व्यवहार में हमें इसको महत्व देना चाहिए। इससे हम स्वयं स्वस्थ रहेंगे तथा आस पास के वातावरण को भी स्वच्छ एवं सुरक्षित रख पायेंगे। ये विचार प्रज्वला कार्यक्रम के अंतर्गत पाली में आयोजित जल, स्वास्थ्य एवं स्वछता पर दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षा विभाग पाली के ए.डी.पी.सी. प्रकाशचन्द्र ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये।
प्रज्वला कार्यक्रम राजस्थान बालिका शिक्षा विभाग, एन. एस. सी. फाउंडेशन, यूनीसेफ, के सहयोग से सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन (सी.ई.ई.) द्वारा राजस्थान के पूरे 200 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में चलाया जा रहा है। इसके तहत पाली जिले के एक निजी होटल में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में जल, स्वस्थ, स्कूल में साफ सफाई के साथ-साथ कचरा प्रबंधन, स्वछता, किशोरावस्था एवं माहवारी प्रबंधन के साथ-साथ बाल संसद ,किशोरी बालिका समूह निर्माण आदि पर विस्तृत रूप से पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन एवं विडियो/फोटो के द्वारा जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में सी. ई.ई. राजस्थान के कार्यक्रम संयोजक प्रियंका सिनसिनवर ने जल की मात्रा, उपयोग एवं दूषित जल से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण में भाग ले रही प्रतिभागियों ने बताया की इन दो दिनों में हमें स्वच्छता एवं स्वस्थ पर महत्वपूर्ण जानकारी मिली जिसे हम अपने विद्यालय में जाकर अन्य बालिकाओं एवं शिक्षिकाओं के साथस साझा करेंगी।
सी.ई.ई, जयपुर के मुकेश कुमार ने बताया इस कार्यक्रम का संचालन पाली, सिरोही, एवं जालोर सी. ई. ई. के सहभागी अलर्ट संस्थान उदयपुर द्वारा किया गया। प्रशिक्षण में ममता मोर्य, दीपाली चोहान, अलर्ट संस्थान के अध्यक्ष जितेन्द्र मेहता, तीन जिला समन्वयक के साथ तीन जिलों के 22 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों से 30 प्रधानाध्यापिकाओं एवं वार्डन ने भाग लिया।