उदयपुर | उद्यान विज्ञान विभाग,राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर में संस्थागत विकास योजना उच्च कृषि शिक्षा परियोजना के तहत उधमिता एवं कौशल विकास पर ७ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “अलंकृत पादपनर्सरी एवं मातृ वृक्ष बगीचा प्रबंधन में कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए उद्यमिता के अवसर” का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया गया।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. अरुणाभ जोशी ने बताया कि किस प्रकार नर्सरी में अलंकृत बागवानी को उच्च श्रेणी स्वरूप प्रदान कर व्यवसाय के रूप में अपनाया जा सकता है।
डॉ.अजय कुमार शर्मा, अधिष्ठाता, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय एवं समन्वयक संस्थागत विकास योजनाने योजना के महत्व एवं उपलब्धियों की चर्चा की तथा कृषि में विभिन्न आयामों को उद्यम के रूप में विकसित कर अर्थ उपार्जन के रूप में अपना ने पर जोर दिया। जिससे छात्र रोजगार मांगने के बजाय रोजगार प्रदान करने वाले उद्यमी के रूप में समाज में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित कर सके।
डॉ.अभय कुमार मेहता, अनुसंधान निदेशक ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को विश्वविद्यालय छात्रों के लिए सार्थक बताते हुए अलंकृत बागवानी के बढते रुझान का लाभ उठाते हुए सफल उद्यम के रूप में स्थापित करने एवं अधिक से अधिक छात्रों को इसे अपनाने एवं आय के वैकल्पिक साधन के रूप में विकसित करने पर जोर दिया।
समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ. शांति कुमार शर्मा ने कृषि शिक्षा को सफल व सार्थक बनाने के लिए कृषि को उद्यमिता के नजरिए से आंकलन करने पर जोर दिया।उन्होंने छात्रों को अलंकृत बागवानी में देश विदेश में उभर रहे अवसरों को भुनाने के लिए प्रोत्साहित किया एवं सफल उद्यमी बनने के लिए सही प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार स्थापित करने पर प्रोत्साहित किया।
परियोजना प्रभारी एवं विभागाध्यक्ष डॉ. एस.एस. लखावत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी एवं उद्देश्य सदन के समक्ष प्रस्तुत किए। मंच का संचालन डॉ.कपिल देव आमेटा व धन्यवाद ज्ञापन डॉ.बी.जी.छीपा ने दिया।