गांव हायला महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की अनुसूचित जाति उप परीयोजना अंतर्गत आज दिनांक 28.10.20 को गेहूं की प्रथम पंक्ति प्रदर्शन से लाभान्वित किया गया। कार्यक्रम प्रभारी डॉ सुभाष मीणा, मृदा वैज्ञानिक ने बताया कि यह गेहूं की उन्नत किस्म राज. 4079 है। एवं इसके साथ ही निश्चित खाद के प्रयोग से अधिक उपज प्राप्त कर सकेंगे डॉक्टर सुभाष ने किसानों को मिट्टी का नमूना लेने की विधि विस्तार से समझाई एवं आग्रह किया कि जांच के आधार पर सुझाई गई सिफारिश की मात्रा ही खेतों में डालें जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ इंद्रजीत माथुर गोदित गांव प्रभारी व पूर्व निदेशक ने गेहूं की उन्नत शस्य क्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में श्री गोपाल मीणा सहायक कृषि अधिकारी ने सहयोग दिया व कार्यक्रम का संचालन कर धन्यवाद ज्ञापित किया।
डॉक्टर सुभाष चंद्र मीणा, प्रोजेक्ट प्रभारी ने बताया कि दीर्घावधि उर्वरक परीक्षण परियोजना की जनजाति व उपयोजनर्गत 50 कृषकों को गेहूं फसल पर प्रथम पंक्ति प्रदर्शन वितरित किए गए जिसमें प्रत्येक कृषक को 0.2 हेक्टेयर के लिए 20 किलो गेहूं का बीज राज. 4079 किस्म, 25 किलो यूरिया, 25 किलो डीएपी, 5 किलो पोटाश एवं पीएसबी एवं एजोटोबेक्टर जीवाणु खाद वितरित किया गया यह प्रदर्शन उन्हीं कृषको को दिया गया जिनको मक्का फसल के प्रदर्शन दिए गए थे। इन प्रदर्शनों के माध्यम से उन्नत तकनीकी को कृषक समुदाय कर के देखकर गांव के बाकी कृषक भी कर सके ताकि खाद्यान्न उत्पादकता में वृद्धि की जा सके।