चित्तोैडगढ | कृषि विज्ञान केन्द्र, चित्तोैडगढ़, द्वारा आयोजित एवं सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय, कालीकट केरल द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय “मसाला फसलों में उत्पादकता बढ़ाने हेतु तकनीकें” कृषक प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र, चित्तोैडगढ में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. रतन लाल सोलंकी ने बताया कि मसाला फसलें विदेशी आय अर्जन का उत्तम स्त्रोत है तथा कृषक मसाला फसलों की खेती करके अपने आर्थिक स्तर को समृद्व बना सकते हैं। साथ ही प्रमुख मसाला फसलों में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन एवं फसलो में मृदा की जांच पर प्रकाश डाला।
श्री दिनेश जागा, उप निदेशक, कृषि विभाग (विस्तार), चित्तौड़गढ़ ने कृषको को कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के साथ साथ मसाला फसलों का दैनिक जीवन के महत्व के बारे में विस्तृत से जानकारी दी।
डाॅ. अभय दशोरा, सहायक आचार्य एवं परियोजना प्रभारी, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने बीजीय मसालों की उन्नत किस्मों की चर्चा करते हुए कृषको को उन्नत किस्मों के बीज उत्पादन पहलुओं पर प्रकाश डाला। डाॅ. हरि सिंह, कृषि अर्थशास्त्र, राजस्थान कृषि महाविद्यालय ने मसाला फसलों की राज्य में वर्तमान स्थिति तथा इनके उत्तम एवं उन्नत उत्पादन की सम्भावनाओं पर प्रकाश डाला। सह-परियोजना प्रभारी डाॅ. बी.जी. छीपा ने बीजीय मसालों में प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर चर्चा की। केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक डाॅ. राजेश जलवानिया़ ने बीजीय मसाला के उन्नत उत्पादन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। प्रशिक्षण में कुल 35 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के अन्त में दीपा इन्दौरिया ने धन्यवाद प्रषित किया।