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संविधान को अंगीकृत करने के लिए लाखों लोगों ने एक साथ ली मूल कर्तव्यों के पालन की शपथ

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27 Nov 19
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संविधान को अंगीकृत करने के लिए लाखों लोगों ने एक साथ ली मूल कर्तव्यों के पालन की शपथ

चित्तौड़गढ। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देश पर प्रदेशभर में 26 नवंबर 2019 को संविधान अंगीकार दिवस मनाया गया जिसके तहत जिलेभर शपथ ग्रहण कार्यक्रम के साथ साथ हस्ताक्षर अभियान चलाये गये, जिसमें करीब 3 लाख से अधिक लोग भागीदारी निभाकर इस स्वर्णिम अवसर के साक्षी बने। जिला स्तरीय कार्यक्रम नवीन जिला एवं सेशन न्यायालय परिसर स्थित एडीआर सेंटर में प्रातः 9ः30 बजे आयोजित हुआ जिसमें अति विशिष्ट अतिथि एनडीपीएस न्यायालय प्रथम के न्यायाधीश अजय सिंह ने बताया कि हमारा संविधान 26.11.1949 को लागू हुआ, इसमें रही कमियों को बाद में संशोधन के जरिये पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि सभी यदि अपने अपने कर्तव्यों का पालन करें तो अधिकार स्वतः ही प्राप्त हो जायेंगे। न्यायालय की शरण में जाने से पहले स्मरण करें कि क्या हमने स्वयं अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है? वहीं एनडीपीएस न्यायालय द्वितीय के न्यायाधीश मिनाक्षी शर्मा ने कहा कि एक न्यायिक अधिकारी के लिए संविधान से बढ़कर कुछ नहीं होता है, न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण विभिन्न स्तर पर चलता है किंतु  उसका निर्णय संविधान में वर्णित नियमों के आधार पर ही होता है। उन्होनें कहा कि संविधान में गीता, बाईबल, कुरान सभी को समान रूप से स्थान दिया गया है, साथ ही कहा कि राष्ट्र के ऊपर कोई नहीं है, राष्ट्र ही सर्वोपरि है।

अध्यक्षता कर रहे प्राधिकरण अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि वर्षों की लडाई के बाद हमें 1947 में आजादी मिली थी, जिसके बाद हमारे देश का संविधान बनने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो 26 नवंबर 1949 को पूर्ण हुई और पूरे देश में विश्व का सबसे बड़ा और लिखित संविधान लागू हुआ। देश की व्यवस्था कैसे चलेगी? यह संविधान तय करता है। जहां  अधिकारों का हनन होता है, उन्हें पाने के लिए न्याय पालिका की शरण ली जा सकती है। गुप्ता ने व्यक्ति के अधिकारों और मूल कर्तव्यों को एक दूसरे के पूरक बताया। उन्होनें सभी से संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों का पालन करने का आव्हान किया।

विशिष्ट अतिथि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कमल लोहिया ने कहा कि संविधान को अंगीकार किये आज हमें 70 वर्ष पूर्ण हो चुके है। व्यक्ति के अधिकारों से अवगत कराते हुए आव्हान किया कि यदि व्यक्ति अपने कर्तव्यों का निर्वहन आत्मीयता के साथ करें तो अधिकारों की मांग भी नहीं करनी पड़ेगी और कर्तव्यों का पालन करते हुए भी यदि कोई आपके अधिकारों का हनन करें तो जिला न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली जा सकती है जहां से हमारे अधिकारों की रक्षा होगी, साथ ही सभी आगंतुको का स्वागत किया।

प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी निखिल गोयल ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सभी धर्मों का आदर करना चाहिए तभी देश प्रगति कर सकेगा। अभिभाषक संघ अध्यक्ष जसवंत सिंह राठौड, कन्या महाविद्यालय के सी एल महावर, आरएनटी विधि महाविद्यालय के व्याख्याता जफर हुसैन ने भी अपने विचार रखे। प्राधिकरण सचिव सुनील कुमार ओझा ने मंच का संचालन करते हुए सभी को संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराते हुए मूल कर्तव्यों के पालन की शपथ दिलाई।

कार्यक्रम में पोक्सो न्यायालय की न्यायाधीश मनीषा सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या 3 संजय भट्नागर, अति. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 1 नम्रता पारीक, अति. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 2 डाॅ. महेन्द्र के सिंह सोलंकी, न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीता प्रकाश, न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय मुकेश कुमार रेगर, अभिभाषक संघ सचिव अब्दुल सत्तार सहित कार्यकारिणी सदस्य, विधि विद्यार्थी, गल्र्स काॅलेज की छात्राएं, न्यायिक कर्मचारीण् सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।

इन स्थानों पर हुए आयोजन

संपूर्ण जिले में आयोजित हुए विभिन्न कार्यक्रमों में जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधीनस्थ सभी कार्यालयों के साथ साथ सभी राजकीय एवं निजी मावि, उमावि, महाविद्यालयो, समस्त ब्लाॅक विकास अधिकारी कार्यालयों, पंचायत समितियों, बाल गृहों, पैरालीगल वोलेन्टीयर्स, अधिवक्तागणों, कारागृहों में बंदियों, लीगल लिट्रेसी क्लबों, न्यायिक कर्मचारियों, समाज कल्याण विभाग, स्काउट गाइड कार्यालयो में संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए सभी को मूल कर्तव्यों के पालन की शपथ दिलाई गई।

चलाया हस्ताक्षर अभियान

जिला स्तरीय कार्यक्रम स्थल एडीआर सेंटर के मुख्य द्वार पर मूल कर्तव्यों के पालन की शपथ करने हेतु हस्ताक्षर अभियान चलाया गया जिसमें न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, विधि विद्यार्थियों, कर्मचारियों सहित सभी प्रतिभागियों ने बैनर पर हस्ताक्षर कर मूल कर्तव्यों के पालन का पालन करने का प्रण लिया।

विधि विद्यार्थियों ने जानी न्यायालय की प्रक्रिया

कार्यक्रम के पश्चात् महाराणा प्रताप, आरएनटी विधि महाविद्यालय एवं कन्या महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा न्यायालय की प्रक्रिया को जानने की जिज्ञासा को देखते हुए प्राधिकरण सचिव ओझा ने परिसर में स्थित समस्त न्यायालयों एवं अभिभाषक संघ कार्यालय का भ्रमण कराया तथा न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों से वार्ता कराई जिससे विद्यार्थी खुश नज़र आये।

रास आये मिट्टी के कुल्हड़

'प्लास्टिक ना बाबा ना' मुहिम के तहत प्राधिकरण द्वारा विगत कुछ माह से आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों में प्लास्टिक के ग्लास के स्थान पर मिट्टी के कुल्हड़ का प्रयोग किया जा रहा है इसी के तहत आज भी सभी प्रतिभागियों को मिट्टी के कुल्हड़ में चाय पिलाई गई, इस कारण कुल्हड़ सभी के बीच चर्चा का विषय बने रहे। प्राधिकरण सचिव ओझा ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाये जा रहे अभियान  'प्लास्टिक ना बाबा ना' का प्रभाव आमजन में भी दिखने लगा है।


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