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दिव्यांग मतदाताओं का रिकॉर्ड तोड ९४.२० प्रतिशत मतदान

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08 Dec 18
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दिव्यांग मतदाताओं का रिकॉर्ड तोड ९४.२० प्रतिशत मतदान चित्तौडगढ । लोकतंत्र के पर्व मतदान के मौके पर शुक्रवार को ऐतिहासिक धरती चित्तौडगढ ने दिव्यांग मतदाताओं का रिकॉर्ड तोड मतदान करवाकर नया इतिहास रच दिया। जिले की पाँच विधानसभाओं में पंजीकृत २० हजार ६९२ दिव्यांग मतदाताओं में से १९ हजार ४९१ मतदाताओं ने आज अपना मतदान किया। दिव्यांगों का मतदान ९४.२० प्रतिशत रहा ह, जो सामान्य मतदाताओं के प्रतिशत से कही आगे पहुँच गया है।
सुगम मतदान प्रकोष्ठ के प्रभारी अधिकारी एवं जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंकित कुमार सिंह ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी इन्द्रजीत सिंह के निर्देशानुसार बनी प्रभावशाली योजना के तहत दिव्यांगजनों की अग्रणी भूमिका के चलते दिव्यांगों ने जोरदार उत्साह दिखाते हुए भारी मतदान किया। उन्होंने बताया कि कपासन के पंजीकृत ४ हजार ९५ दिव्यांग मतदाताओं में से ३ हजार ९२३ मतदाताओं ने अपना मतदान किया, जो ९५.८० प्रतिशत है। बेगूं में पंजीकृत ४ हजार ८६ दिव्यांग मतदाताओं में से ३ हजार ९२४ मतदाताओं ने अपने वोट डाले, जो ९६.०४ प्रतिशत है। चित्तौडगढ में पंजीकृत ४ हजार ७७ मतदाताओं में से ३ हजार ८५८ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो ९४.६३ प्रतिशत है। निम्बाहेडा के पंजीकृत ३ हजार ७५७ दिव्यांग मतदाताओं में से ३ हजार ४५७ मतदाता मतदान के लिए पहुँचे, जो ९२.०१ प्रतिशत है। बडीसादडी में पंजीकृत ४ हजार ६७७ दिव्यांग मतदाता पंजीकृत है, जिनमें से ४ हजार ३२९ मतदाताओं ने अपना मत दिया, जो ९२.५६ प्रतिशत है।

महिनों की मेहनत लाई रंग
चित्तौडगढ जिले में दिव्यांगों के शतप्रतिशत मतदान के लिए सुगम मतदान अभियान के तहत पिछले साढे तीन महिनों से की जा रही मेहनत आज ७ दिसम्बर मतदान के दिन सफल सिद्ध हो गई। सिलसिलेवार किये गये आयोजनों ने जिले के दिव्यांगों का अधिकतम मतदान करवाने का जिला प्रशासन का स्वप्न साकार कर दिया। अगस्त महीने में चित्तौडगढ में आयोजित दिव्यांग मतदाता जागरूकता कार्यशाला से प्रारंभ हुआ अभियान नित नये प्रयासों, कार्यक्रमों, नवाचारों से दिव्यांगों को जागरूक करने में जोरदार कामयाब सिद्ध हुआ। दिव्यांगों को जागरूक करने के लिए आयोजित दिव्यांग कॉनक्लेव में २ हजार से अधिक दिव्यांगों ने सहभागिता की। दिव्यांगों ने अपने हौंसलों को विशाल वाहन रैलियां निकालकर प्रदर्शित किया। दिव्यांगों के लिए प्रश्नोत्तरी एवं जागरूकता के कार्यक्रमों ने जिलेभर के सामान्य मतदाताओं को न केवल चकित कर दिया अपितु उन्हें भी मतदान के लिए प्रेरित किया। चित्रकारी, रंगोली, फ्लैक्स, बैनर हर माध्यम के जरिये दिव्यांगों को जागरूक कर उन्हें आत्मबल से संयोजित करने में कोई कसर नहीं छोडी गई।

इस तरह उतरी योजना धरती पर
जिले में सुगम मतदान के तहत हर दिव्यांग मतदाता का नाम मतदाता सुचियों में जोडने के लिए प्रशासन ने भारी प्रयास किये। इसी का परिणाम है कि अभियान से पूर्व जिले में मतदाता के रूप में दर्ज करीब १० हजार दिव्यांगों की संख्या २० हजार ६९२ तक पहुँच गई। दिव्यांग मतदाताओं की यह दोगुनी संख्या भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों में जिला प्रशासन की गंभीरता का परिचायक है। इसके साथ ही इनका अधिकतम मतदान कराने की चुनौती भी खुद ही चित्तौडगढ जिले में अपने लिए तैयार की। दिव्यांगों को जागृत करने के लिए उन्हीं के प्रतिनिधियों को मतदाता आईकॉन के रूप में चुनकर नेतृत्व सौंपा गया। विशाल दिव्यांग कॉनक्लेव में दिव्यांगों ने ही शतप्रतिशत मतदान का संकल्प किया। जिले के सभी मतदान केन्द्रों पर दिव्यांगदूत के रूप में स्वयं दिव्यांगजन तैनात हुए, जिन्होंने अपने-अपने मतदान केन्द्रों के दिव्यांग मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित कर प्रशासन की मदद से हर संभव मार्गदर्शन एवं सुविधाएं प्रदान की। आंगनवाडी कार्यकर्ताओं ने दिव्यांग मित्र के रूप में इस मुश्किल कार्य को आसान बनाया। स्काउट एवं गाईड के स्वयंसेवकों ने इस मोर्चें की सभी बाधाओं को पार कर दिव्यांगों की मतदान में हर संभव सहायता की। मतदान केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार व्हील चेयर, परिवहन सुविधा ने दिव्यांगों को मतदान के लिए खुब प्रोत्साहित किया। दिव्यांग रथ के रूप में परिवहन के लिए उपलब्ध कराई गई वाहन सुविधा ने भी सकारात्मक परिणामों को संभव बनाया।

स्वागत से हुए चमत्कृत
चित्तौडगढ शहर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पुरूषार्थी स्थित मतदान केन्द्र पर शुक्रवार को मतदान शुरू होने से पहले ही उत्साह से भरे दिव्यांग मतदाता वोट डालने पहुँच गए। जिला निर्वाचन अधिकारी इन्द्रजीत सिंह, जिला पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार चौधरी, स्वीप प्रभारी अंकित कुमार सिंह, स्वीप के सहायक प्रभारी अधिकारी ओमप्रकाश तोषनीवाल, विकास अधिकारी धनसिंह राठौड, सीबीईओं कल्याणी दीक्षित भी इन मतदाताओं का स्वागत करने के लिए वहां तैयार मिले। दिव्यांग महिला मतदाता का जिला निर्वाचन अधिकारी ने माला पहनाकर स्वागत किया, अन्य दिव्यांग मतदाताओं का भी स्वागत किया गया। इस मौके पर जिला मतदाता आईकॉन दिव्यांग दिलीप सिंह भी उपस्थित थे। दिव्यांग मतदाताओं का जिलेभर के अनेकों मतदान केन्द्रों पर इसी प्रकार स्वागत किया गया।

जागरूकता से मिली प्राथमिकता
दिव्यांग मतदाताओं को अधिकतम मतदान करने के लिए जागरूक करने का बडा प्रभाव शुक्रवार के मतदान में दिखाई दिया। दिव्यांग मतदाताओं को पंक्ति में आगे आकर मतदान के अपने अधिकार की जानकारी होने से उन्होंने इसका बखूबी इस्तेमाल किया। मतदान दलों के अधिकारियों को भी प्रशिक्षण के दौरान दिये निर्देशों के कारण उन्होंने भी दिव्यांगों को लाईनों में आगे बुलाकर प्राथमिकता से मतदान करवाया।

बूथों पर लगी सामर्थ्यम् की छाप
दिव्यांगों के लिए सुगम मतदान हेतु जिले के मतदान केन्द्रों को बाधा रहित बनाने का काम बडे पैमाने पर हुआ। तीसरे पक्ष द्वारा प्रमाणिकरण के लिए सामर्थ्यम् को आमंत्रित किया गया, जो भारत निर्वाचन आयोग एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा अधिकृत है। सामर्थ्यम् ने जिले के छह मतदान स्थलों के तेरह मतदान केन्द्रों का परीक्षण कर उन्हें बाधारहित (एक्सीसेबल) घोषित किया। इस प्रयास ने भी दिव्यांगों का उत्साह चरम पर पहुँचाया।

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