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चित्तौड़गढ़ के टॉकीज में अभी रीलीज नहीं होगी पद्मावती

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09 Nov 17
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चित्तौड़गढ़ के टॉकीज में अभी रीलीज नहीं होगी पद्मावती स्टूडियो में ही बनाया किले का सेट, पहले इसलिए उडाए थे ड्रोन कैमरे... फिल्मके कड़े विरोध को देखते हुए भंसाली ने चित्तौड़ में शूटिंग का जोखिम नहीं लिया। स्टूडियो में ही दुर्ग का नया सेट बनाकर शूटिंग करवाई। शूटिंग से पूर्व भी किले के ऊपर ड्रोन कैमरें उड़ाकर उसका चित्रण पता कर लिया था।उल्लेखनीय है कि पिछले एक-दो साल में दो तीन बार दुर्ग पर ड्रोन कैमरे कौतुहल का विषय भी बने थे। जो संभवतया पदमावती फिल्म के लिए भंसाली के ही थे। बहुतकुछ नहीं जले, इसलिए फिल्म का कराया बड़ा बीमा... संजयलीलाभंसाली ने अपनी इस बहुचर्चित फिल्म का 160 करोड़ का बीमा कराया है। ताकि फिल्म रिलीज होने के बाद किसी तरह के प्रदर्शन या तोडफोड से नुकसान होता है तो भरपाई हो सके। गत दिनों चित्तौड़ बंद के दौरान भंसाली का पुतला फूंकते हुए करणी सेना के लोकेंद्रसिंह कालवी ने चेतावनी दी थी कि अगर फिल्म चली तो इसी तरह बहुत कुछ भी जलेगा। विवाद होता तो चौगानियां में फिल्माया जाता युद्व का दृश्य... पदमिनीफिल्म में चित्तौड़ दुर्ग पर एक भी दृश्य शूट नहीं किया। अगर फिल्म को लेकर कोई विरोध या विवाद नहीं होता तो फिल्म की शूटिंग दुर्ग पर जरूर होती। खासकर कुंभा महल, पदमिनी महल, विजयस्तंभ गोमुख कुंड क्षेत्र में। पदमिनी महल के पास ही चोगानिया मैदान है। जहां युद्ध का दृश्य फिल्माया जाता। निर्माता कंपनी ने 8 माह पहले पुरातत्व विभाग से चोगानिया और वहां शूटिंग के संबंध में जानकारी जुटाई थी। पद‌्मिनी पर फिल्म की लीला |शहर के सिनेमाघर संचालक ने लिया फिल्म रीलीज नहीं करने का निर्णय विरोध के चलते राजस्थान में एक दिसंबर को फिल्म के प्रदर्शन पर बना संशय मंत्री ने कहा, विदेशों की तरह बने फिल्म प्रसारण का कानून फिल्म में आखिर है क्या, अभी यह भी साफ नहीं निर्माण शुरू होने से लेकर पूरा होने तक विवाद का कारण बनी फिल्म पदमावती में भंसाली आखिर क्या दिखा रहे है और क्या नहीं? क्या इसमें वास्तव में इतिहास के साथ छेड़छाड़ है और पदमिनी को गलत तरह से पेश किया जा रहा है? इस बारे में पहले से स्थिति स्पष्ट करने को लेकर सरकार या फिल्म निर्माता की ओर से भी कोई पहल नहीं की गई। राजपूत समाज सहित विरोध कर रहे लोगों के अनुसार जो ट्रेलर सामने रहे हैं। उसके अनुसार आक्रांता खिलजी को नायक रूप में पेश किया जा रहा है। कथित तौर पर एक घूमर नृत्य पर भी आपत्ति है। जिसके अनुसार उस जमाने में कोई रानी खासकर राजपूत महिला महफिल जैसे दृश्य में नृत्य नहीं कर सकती। एकदिसंबर को रीलीज होने वाली फिल्म पदमावती के विरोध के चलते फिल्म वितरकों से लेकर टॉकीज संचालक तक सहमे हुए हैं। कुछ सालों से नई फिल्म को पहले दिन से ही प्रदर्शित करने वाले शहर के छविगृह प्रबंधन ने तो फिलहाल इस फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने का ही सोच लिया है। किसी भी तरह के नुकसान को देखते हुए निर्माता निर्देशक संजयलीला भंसाली के फिल्म का करीब 160 करोड़ रुपए का बीमा करवाने की भी जानकारी मिली है। फिल्म पदमावती का एक दिसंबर को अभा भारतीय प्रदर्शन घोषित है। राजस्थान में फिल्म को लेकर शुरू से चल रहे विरोध और हाल में चित्तौड़गढ़ में बंद सहित प्रदर्शन के बाद कम से कम राजस्थान में इसी दिन फिल्म के प्रदर्शन को लेकर संशय है। क्योंकि डिस्ट्रीब्यूटर्स और पुलिस प्रशासन भी रिस्क लेने के बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं। शहर का एक मात्र सिनेमागृह चंद्रलोक टाॅकीज का प्रबंधन फिलहाल फिल्म को प्रदर्शित नहीं करने का निर्णय ले चुका है। टाॅकीज प्रबंधक शंकर पुरी कहते हैं कि विरोध तो कारण है ही, इस फिल्म को थ्री डी पर रिलीज करने की बात भी सामने आई है। इससे भी प्रदर्शन में दिक्कत है। यदि राजस्थान में बिना विवाद शांतिपूर्ण ढंग स रिलीज होती है। तब अवश्य यहां भी प्रदर्शन पर विचार किया जाएगा। वर्तमान में शहर में एक मात्र यही टाॅकीज संचालित है। जो कुछ सालों से सैटेलाइट नेटवर्क से जुड़ने के कारण पहले दिन से नई फिल्म को रीलिज करता रहा है। दुर्ग स्थित पदमिनी महल के बाहर तैनात पुलिसकर्मी। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री और जोधपुर के सासंद गजेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि पदमावती फिल्म का विवाद अत्यंत चिंता का विषय है। विदेशों की तरह यहां भी फिल्मों के प्रसारण को लेकर सख्त कानून बनना चाहिए। शहर में प्रवास के दौरान पदमावती फिल्म के विवाद विरोध से जुड़े सवाल पर शेखावत ने कहा कि फरवरी में यहां के सांसद सीपी जोशी ने इस मुददे को लोकसभा में उठाया था तो उसमें हमारी भी संबद्वता थी। मैंने खुद पत्र लिखकर मांग उठाई थी कि भारत में भी फिल्म प्रसारण के लिए विदेशों जैसा कानून बने। महारानी पदमिनी सिर्फ एक समाज और क्षेत्र की वीरांगना नहीं होकर पूरे देश के नारी सम्मान की प्रतीक है। इसलिए जाति, समाज, मजहब से दूर रहते हुए ऐसी फिल्म और निर्माताओं का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए। इधर पदमावती फिल्म को लेकर राजपूत समाज के कई पदाधिकारियों ने भी मंत्री शेखावत से भेंट कर पीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। तेजपालसिंह शेखावत ने सर्व समाज की ओर से हुए विरोध चित्तौड़ बंद की जानकारी दी।
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