सिरोही । देव गुरू व धर्म की साधना करने से जीवन मे सकारात्मक ऊर्जा का बल मिलता है ओर आनन्दम्य जीवन जीने की अनुभूति होती है। ये विचार आज पावापुरी तीर्थ जीव मैत्रीधाम मे साध्वीजी रत्नमालाश्रीजी ने अपने विहार के वक्त किए। साध्वीश्री यहां चार्तुमास करने के बाद आज राजेन्द्रधाम मीरपुर के लिए प्रस्थान किया । विहार के वक्त उपस्थित यात्रिको एवं स्टाफ सदस्यो को आशीर्वाद देते हुऐ उन्होने कहा कि देव गुरू व धर्म की आराधना करने से उनके बताये गए मार्ग व शिक्षा से जीवन में भटकाव नही होगा। कोरोना के कारण साध्वीजी यहां 8 माह रहे ओर इस अवधि मे उन्होनें स्टाफ को तप जप व आराधना से जोडा ओर स्टाफ ने पर्युषण महापर्व व मौन ग्यारस को मौन उपवास कर पावापुरी मे एक नया इतिहास बनाया। साध्वीजी रत्नमालाश्रीजी, मुक्तिमालाश्रीजी एवं दिव्यमालाश्रीजी को गाजते बाजते विदाई दी गई। साध्वीश्री जी ने मांगलिक श्रवण करवा कर विहार किया। पावापुरी ट्रस्ट के मेनेजिंग ट्रस्टी महावीर जैन व प्रबन्धक सुरेन्द्र जैन ने साध्वीजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुऐ कहा कि उनकी निश्रा से सभी को तपस्या करने का लाभ मिला।
साध्वीजी विहार करते हुऐ 30 जनवरी 21 को जोगापुर मे आयोजित जिनालय ध्वजारोहण मे निश्रा प्रदान करेगें।