अच्छे संस्कारों के निर्माण के लिए अच्छे वातावरण का होना जरूरी -भगवानसिंह रोलसाहबसर
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14 Nov 17
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गनोड़ा/नवागांव संस्कारशिक्षा से नहीं अपितु माता पिता परिवार और अच्छे वातावरण के अनुरूप मिलते हैं। आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाने से ही एक अच्छे और सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण होगा। आज के समय में लोग खुद के हितों को ज्यादा साधने लगे हैं, हमें हमारे परिवार के साथ प्रदेश और राष्ट्र के उत्थान के लिए त्याग करना होगा। इसके लिए युवा पीढ़ी को आगे अाना होगा।
यह बात मेवाड़ वागड़ प्रवास में आए श्री क्षत्रिय युवक संघ के प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर ने लांबापाड़ला में क्षत्रिय समाज के स्नेह मिलन समारोह में कही। उन्होंने कहा कि राजपूत जाति को स्वयं के विकास की महत्ती आवश्यकता है, तभी वो राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी बन सकेगा। क्षत्रिय युवक संघ की कार्य प्रणाली को समझाते हुए बताया कि संघ बालकों में क्षत्रियोचित संस्कार देने का कार्य करता है। संघ सिखाता है कि व्यक्ति को परिवार के लिए स्वयम के सुखों, गांव देश के विकास में, स्वार्थों का त्याग करना चाहिए। अच्छे संस्कारों के निर्माण के लिए अच्छे वातावरण का होना अनिवार्य है, इंसानियत की शिक्षा केवल सामाजिक संस्कार शिविरों के माध्यम से ही मिलती है, उन्होंने आज की शिक्षा प्रणाली पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि आज बच्चों को स्कूलों में कहीं संस्कार नहीं सिखाए जाते हैं। यह इस देश को खोखला करने की विदेशी नीति है, जिससे हमें सावधान रहना चाहिए।
पूर्व राजपरिवार के महारावल जगमाल सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि हमे चिंता कम और चिंतन अधिक करने की आवश्यकता है। क्षत्रिय वो कोम है, जिसने इस देश की संस्कृति को कभी मिटने नहीं दिया। पहले की तरह आज हम क्षत्रियों को कहीं लड़ाई लड़ने की जरूरत नहीं है। पूर्व समय में तो हमेशा इस बात का डर बना रहता था कि कब कौन कहां आक्रमण कर दें या अकाल से ग्रसित रहते थे अब हमें केवल हमारे समाज में अच्छी शिक्षा प्रणाली संस्कार के माध्यम से आज के नव युवकों को क्षात्र धर्म पालन करने की शिक्षा देनी चाहिए। कार्यक्रम की शुरुआत श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तनसिंह की तस्वीर के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। इस अवसर पर प्रताप युवा शक्ति के प्रदेश महासचिव भानुप्रताप सिंह खूइया, क्षत्रिय महासभा बांसवाड़ा के जिलाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह आननंदपुरी, पूर्व अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह टामटिया, पृथ्वीराजसिंह मोटागांव, डूंगरपुर के अध्यक्ष प्रताप सिंह भेखरेड, गुमानसिंहवलाई, दिलवरसिंह ठीकरिया मौजूद रहे।
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