महाकालेश्वर मंदिर रानी रोड पर महर्षि दाधीच सेवा संस्थान उदयपुर द्वारा काशी बनारस के कलाकारों द्वारा चल रही रामलीला के आठवें दिन लक्ष्मण शक्ति का मंचन किया गया। यह मंचन इतना अद्भुत रहा एक भाई के प्रति एक भाई का क्या प्रेम होना चाहिए यह रामचरित मानस से सीखने को मिलता है। लक्ष्मण के शक्ति लगने पर भगवान राम के करुणामई बिलाप देख कर दर्शकों के आंखों से आंसू छलक पडे। पवन पुत्र वीर बजरंगबली हर संकटों को काटने वाले सजीवन बूटी लेने के लिए निकल पडते हैं। बीच में अनेकों कष्ट आने के बावजूद भी संकट मोचन पवन पुत्र को कौन रोक सकता है सजीवन बूटी लेकर पहुंचते हैं और लक्ष्मण जी के प्राण बचा लेते हैं। लक्ष्मण जी के जीवित होने पर कलाकारों के कलाकारी देख एवं भारतीय संस्कृति के आराध्य देव भगवान राम करुणामई प्रसंग देख तालियों से गूंज उठा महाकाल परिसर। महर्षि दाधीच सेवा संस्थान के राधेश्याम दाधीच ने कहा पहली बार महाकाल के परिसर में रामनवमी के पावन पर्व पर रामलीला महोत्सव का आयोजन किया गया जो एक अपने आप में महाकुंभ रहा जिसका समापन १४ अप्रेल को होगा। कुंभकरण वध, मेघनाथ वध, रावण वध, भरत मिलाप व भगवान राम के राज्याभिषेक के साथ होगा।