GMCH STORIES

हुमड़ भवन में नवरात्रि पर हुए विविध धार्मिक अनुष्ठान

( Read 5337 Times)

11 Oct 18
Share |
Print This Page
हुमड़ भवन में नवरात्रि पर हुए विविध धार्मिक अनुष्ठान उदयपुर । हुमड़ भवन में आयोजित धर्मसभा में सुमित्रसागरजी महाराज ने कहा कि भगवान की भक्ति करने वाला एक दिन स्वयं ही भगवान बन जाता है। भक्त की वाणी में सिर्È भगवान की चर्चा ही होनी चाहिये। जैसे चीनी (शक्कर) को कहीं भी छुपा दो किन्तु चींटी उसे खोज लेती है। उसी प्रकार भगवान कहीं भी छिपे हों भक्त उन्हें खोज ही लेता है। भगवान के भक्त बनना भिखारी नहीं। क्योंकि भक्त को बिना मांगे सब मिल जाता है और भिखारी को दर- दर की ठोकरें खानी पड़ती है। भक्त के जैसे भाव होते हैं वैसे ही गुरू और भगवान दिखते हैं। भगवान भी चमत्कार नहीं करते, वह तो भक्त की भक्ति से हो जाता है। भक्त हो तो हनुमान जैसा जो सदा अपने हृदय में भगवान राम को विराजमान करते हुए रहते हैं। बिना भक्ति किये भक्त कभी भी भगवान नहीं बन सकता है।
सकल दिगंबर जैन समाज अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत ने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर 108 सौधर्म इन्द्रों के द्वारा चमत्कारिक सहस्रनाम विधान प्रारम्भ हुआ जिसमें अनेक प्रकार के सुंदर-सुंदर मंडलों एवं भव्य समवशरण की रचना की गई। महामंत्री सुरेश कुमार पदमावत ने बताया कि नवरात्रि में किया जाने वाला चमत्कारिक सहस्रनाम विधान महान Èलदाई होता है एवं इससे सर्व मनोरथ की सिद्धि होती है तथा जीवन में सुख समृद्धि एवं शांति की स्थापना होती हैं। मंजू गदावत ने बतायाकि रोजाना रात्रि में 7 बजे से भव्य डांडिया और गरबा का आयोजन होता है।
Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Chintan
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like