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27800 पार्थिव शिवलिंग का किया विसर्जन

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18 Aug 18
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मीराश्रम,नाकोड़ा नगर में चल रहे तीन दिवसीय पार्थिव शिवलिंग पूजन के अंतिम दिन दिनांक 17 अगस्त को साध्वीश्री अखिलेश्वरी जी ने सभी भक्तों के साथ देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी जी की आत्मा की शांति के लिए लिए ईश्वर से प्रार्थना की एवं कुछ देर मोन धारण कर भावभीनी श्रद्धांजलि प्रदान की।
देश को एकात्मता के भाव में गुंथा है द्वादश ज्योतिर्लिंगों ने
आयोजक अमन परिवार के संयोजक अरुण सिंह ने बताया कि पार्थिव शिवलिंग पूजा में तीनों दिन कुल समस्त भक्तो ने श्रद्धा से 27850 पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया व उनका विसर्जन पास ही रकमपुरा तालाब में किया गया। साध्वी जी ने प्रवचन दिए कि हमारे देश के हर कोने में भगवान शिव के मंदिर है,और बारह(द्वादश)ज्योतिर्लिंगों का महत्व भी पूरे राष्ट्र के लिए समान रूप से है।ओर इन्हीं सारे ज्योतिर्लिंगो ने पूरे राष्ट्र को एक शिव सूत्र के रूप में गूंथा हुआ है। यानी देश को एकता के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में विविध जातियों का निवास है पर विविध होकर भी हम सभी भगवान शिव की सब उपासना करते है। सारे ज्योतिर्लिंग का पूरे राष्ट्र के लिए धार्मिक महत्व है।क्यो कि शिव सबको कल्याण देने वाले है । शिव ऊंच नीच छुआछूत गरीब अमीर का कहीं भी भेद नहीं करते हैं उनके सारे शिष्य अघोरी भूत अवधूत सभी तरह के मानव है। उन्होंने किसी जाति धर्म को महत्व नही दिया उनके लिए सभी एक समान है, दीदी मां ने बताया कि शिव के लिए विशेष है तो केवल हमारी श्रद्धा का भाव जो, व्यक्ति जितनी श्रद्धा से के साथ भगवान का ध्यान करेगा उस पर भगवान भी उतना ही ध्यान रखेंगे।

दीदी मां साध्वी अखिलेश्वरी देवी ने बताया कि शिव तो वेसे ही बहुत कृपालु ओर भोले भगवान है वो सब पर कृपा बरसाते है। इसलिए भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सभी बिना किसी भेदभाव के एक साथ प्रेम पूर्वक एक स्थान पर बैठकर सच्ची श्रद्धा व भक्ति के साथ पार्थिवशिवलिंग का निर्माण करे।भगवान को पाने का ये ही एक सरल रास्ता है जिसपर चलकर हर एक की मनोकामनाए पूरी हो सकती है।
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