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नाटक ‘‘चन्द्रहास’’ का मंचन हुआ

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11 Jan 22
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नाटक ‘‘चन्द्रहास’’ का मंचन हुआ

उदयपुर, 03 दिवसीय राजस्थानी नाट्य समारोह के अंतिम दिन डाॅ लईक हुसैन द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक ‘‘चन्द्रहास’’ का मंचन हुआ।
 
भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल उदयपुर एवं राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 08 से 10 जनवरी 2022 के मध्य आयोजित किये जा रहे राजस्थानी नाट्य समारोह  समारोह के अंतिम दिन दी परफोरमर्स कल्चरल सोसायटी, उदयपुर द्वारा डाॅ लईक हुसैन द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक ‘‘चन्द्रहास’’ का मंचन  हुआ। 
नाटक में राजस्थानी भाषा, लोक गायन का उत्कृष्ट प्रदर्शन ने दर्शको का मन मोहलिया। नाटक के कथानक में यह भविष्यवाणी की गई है कि एक बच्चा भील आदिवासी के घर पूर्णिमा के दिन जन्म लेगा और वह एक दिन जरूर राजा बनेगा। यह खबर सुनकर राजा दुर्जन सिंह ने सैनिको को यह आदेश दिया कि ऐसे बच्चे के जन्म होते ही उसे मौत के घाट उतार दिया जाए। इस बच्चे को मौत के मुंह से जाते उसकी माँ ने अपनी जान की बाजी लगाकर बचा लिया। फिर उस बच्चे की संतो ने परवरिश की और उसे पाला-पोसा। एक दिन जब चन्द्रहास जब राजा सज्जन सिंह से मिला तो उन्होंने उसे अपना राजकुमार बना दिया। इस दौरान चन्द्रहास का राजा दुर्जन सिंह की पुत्री से विवाह हो जाता है। राजा दुर्जन सिंह द्वारा एक बार फिर चन्द्रहास को मारने का प्रयास किया जाता है ंिकंतु राजकुमारी चन्द्रहास के स्थान पर राजा दुर्जन सिंह के पुत्र को वहाँ भेज देती है और वहां उसी के सैनिक चन्द्रहास की जगह उसके बेटे को मार देते है। इससे राजा काफी क्रोधित हो उठता है और चन्द्रहास को मारने का जाल बुनता है पर उसी जाल में वह स्वयं फस जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है। इस तरह पूर्व की भविष्यवाणी सत्य साबित होती है और चन्द्रहास राजा बन जाता है।
नाटक की मुख्य भूमिका में देवी- योगिता सोनी, कीर्तनकार- प्रबुद्ध पाण्डे, रोहित राठौड़, छोटा चन्द्रहास -गितीशा पाण्डे, बडा चन्द्रहास- ईशान टंडन, दुर्जन सिंह-कल्याण वैष्णव, सज्जन सिंह- आ.सी देवन्द, विशा- शिवांगी तिवारी, महारानी- प्रियल जानी, मदन- दीपेन्द्र सिंह चुण्डावत, भोपा- दीपराज सिंह बाघेला, प्यारा- शुभम शर्मा, मंत्री- राहुल जोशी, सैनिक-दिव्यांशु नागदा, दिशान्त पटेल, ईशान नायक, तुषार रावल, अजय शर्मा, जतिन भारवानी, भवदीप जैन, रामा भील - रमण कुमार वेश-भूषा- अनुकम्पा लईक, नृत्य कला- शिप्रा चाटर्जी, संगीत - कुनाल मेहता एवं प्रकाश व्यवस्था राजकुमार मोंगिया ने किया। 
 
समारोह के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि, निदेशक पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र श्रीमती किरण सोनी गुप्ता थे। संस्था निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने राजस्थानी नाट्य समारोह के सफल आयोजन हेतु राजस्थान कला, साहित्य एवं पुरातत्व विभाग राजस्थान सरकार, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर, मीडियाकर्मियों एवं दर्शेकांे का धन्यवाद ज्ञापित किया।


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