पीएमसी बैंक के बर्खास्त प्रबंध निदेशक (एमडी) जॉय थॉमस ने बैंक में गड़बड़ी के लिए आडिटरों को दोषी ठहराते हुए आरोप लगाया है कि समय की कमी के चलते उन्होंने बैंक के बहीखातों का ‘‘सतही आडिट’ किया।भारतीय रिजर्व बैंक को 21 सितम्बर को लिखे पत्र में थॉमस ने बैंक के एनपीए और एचडीआईएल के कर्ज के बारे में वास्तविक जानकारी छिपाने में शीर्ष प्रबंधन समेत निदेशक मंडल के कुछ सदस्यों की भूमिका को कबूल किया है। हालांकि थामस ने आरबीआई को भेजे पत्र में किसी आडिटर के नाम का जिक्र नहीं किया है। बैंक की 2018-19 आडिट रिपोर्ट के मुताबिक , 2010-11 से बैंक के तीन आडिटर लकड़वाल एंड कंपनी, अशोक जयेश एंड एसोसिएट्स और डीबी केतकर एंड कंपनी थे। इन आडिटरों ने का पक्ष अभी नहीं प्राप्त हुआ है।थॉमस ने पत्र में दावा किया है कि वैधानिक आडिटरों ने पीएमसी बैंक के बही खातों का सतही तौर पर आडिट किया गया था क्योंकि बैंक बढ़ रहा था।