मुंबई । बिमल जालान समिति की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक के पास पड़ी आवश्यकता से अधिक आरक्षित पूंजी से केंद्र सरकार को तीन लाख करोड़ रपए की राशि मिल सकती है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। समिति की रिपोर्ट का इंतजार है।जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि यह राशि सरकार को हिस्सों में कुल मिला कर तीन साल में मिलेगी और ज्यादा संभावना है कि इसका उपयोग सरकार के नियमित व्यय में किया जा सकेगा। रिजर्व बैंक के लिए उपयुक्त आर्थिक पूंजी रूपरेखा पर गठित बिमल जालान समिति का गठन पिछले साल दिसम्बर में किया गया। समिति अगले महीने रिपोर्ट देगी। अब तक समिति को रिपोर्ट देने की समय सीमा तीन बार बढ़ाई जा चुकी है।ब्रोकरेज कंपनी ने कहा, ‘‘बाजार की उम्मीदों के अनुसार रिजर्व बैंक के पास पड़ी आरक्षित पूंजी में से तीन लाख करोड़ रपए तीन साल की अवधि में किस्तों में दिए जाएंगे। हालांकि हमारा मानना है कि अंतत: कोष का हस्तांतरण कम होगा।’ रिपोर्ट के अनुसार 45 फीसद संभावना है कि धन का उपयोग सरकार के नियमित व्यय को पूरा करने के लिए और केवल 20 फीसद गुंजाइश है कि इसका उपयोग बैंकों में पूंजी डालने में किया जाएगा।