भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अर्थव्यवस्था में इस समय दिख रहे धीमेपन को ‘‘बहुत चिंताजनक‘‘ करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को ऊर्जा एवं गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्रों की समस्याओं को तत्काल सुलझाना चाहिए।उन्होंने कहा कि निजी निवेश प्रोत्साहित करने को सरकार को नए कदम उठाने चाहिए। वर्ष 2013-16 के बीच गवर्नर रहे राजन ने भारत में जीडीपी की गणना के तरीके पर नए सिरे से गौर करने का भी सुझाव दिया है। इस संदर्भ में उन्होंने पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री अर¨वद सुब्रमण्यम के शोध निबंध का हवाला दिया जिसमें निष्कर्ष निकाला गया है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ा-चढ़ाकर आंका गया है। ॉ राजन ने एक निजी टीवी से बातचीत में कहा, ‘‘निजी क्षेत्र के विश्लेषकों की ओर से आर्थिक वृद्धि को लेकर कई तरह के अनुमान लगाये जा रहे हैं, जिनमें से कई सरकार के अनुमान से काफी नीचे हैं। मेरा मानना है कि आर्थिक सुस्ती निश्चित रूप से बहुत चिंताजनक है।’ वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 6.8 फीसद पर रह गई जो 2014-15 के बाद से सबसे कम रही।