व्यापार और शुल्क के मुद्दे भारत, अमेरिका संबंधों में बाधक बन सकते हैं। अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा दोनों देशों के रूस, ईरान और पाकिस्तान को लेकर अलग-अलग नजरिया भी आपसी संबंधों में एक बड़ी रुकावट पैदा कर सकता है।संसदीय शोध सेवा (सीआरएस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन की मुक्त एवं खुले ¨हद प्रशांत क्षेत्र रणनीति में भारत एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बावजूद दोनों देशों की भागीदारी में कई संभावित गतिरोधक हैं।अमेरिकी संसद के सदस्यों द्वारा तैयार रिपोर्ट ‘‘भारत 2019 राष्ट्रीय चुनाव और अमेरिकी हितों पर प्रभाव’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में हालिया चुनाव प्रक्रिया और उसके नतीजों, देश के राजनीतिक मंच, आर्थिक और व्यापारिक संबंधों का अमेरिकी हितों पर प्रभाव, रक्षा और सुरक्षा संबंध तथा भारत के अन्य देशों से संबंध और मानवाधिकार की चिंताओं की समीक्षा की गई है।सीआरएस अमेरिकी संसद की एक स्वतंत्र शोध इकाई है।