सरकार ने पवन हंस की बिक्री प्रक्रिया चुनाव तक रोकने का फैसला किया है। इसका कारण हेलीकाप्टर सेवा प्रदाता को खरीदने को लेकर केवल एक निवेशक का वित्तीय बोली जमा करना है। सरकार की हेलीकाप्टर सेवा प्रदाता पवन हंस में 51 फीसद हिस्सेदारी है और शेष 49 फीसद ओएनजीसी के पास है। निवेशकों के पास पवन हंस में 100 फीसद हिस्सेदारी के लिए वित्तीय बोली जमा करने को लेकर छह मार्च की समय सीमा थी।एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पवन हंस के सौदा परामर्शदाता ने हमें सूचित किया है कि केवल एक बोली आई है। इस बारे में निर्णय करना है कि क्या एक बोलीदाता के साथ आगे बढ़ा जाए या निविदा फिर से शुरू की जाए।