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एसबीआई कम करेगा न्यूनतम राशि की सीमा

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06 Jan 18
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एसबीआई कम करेगा न्यूनतम राशि की सीमा बचत खातों में मासिक औसत न्यूनतम राशि नहीं रखने पर ग्राहकों से जुर्माने के तौर पर 1771 करोड़ रपए का मुनाफा कमाने पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) चौतरफा कड़ी आलोचना हो रही है। इस घटना के बाद बैंक शुक्रवार को कहा कि वह न्यूनतम राशि और जुर्माना राशि को फिर से तय करने का विचार कर रहा है।देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अप्रैल 2017 में मासिक औसत न्यूनतम राशि (एमएबी) शुल्कों को संशोधित किया था। यह उसने पांच साल के अंतराल के बाद किया था। उसने मेट्रो शहरों के खाते में एमएबी को 5,000 रपए और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रपए रखा था। इससे कम राशि पर जुर्माना लगाया था। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 40.2 करोड़ बचत खाता धारकों वाले इस बैंक ने इस मद में अप्रैल 2017 से नवम्बर 2017 के बीच एमएबी पर जुर्माने के तौर पर 1,771.67 करोड़ रपए का लाभ कमाया। यह उसके दूसरी तिमाही के लाभ से भी ज्यादा है।खुदरा एवं डिजिटल बैंकिंग के लिए बैंक के एमडी पीके गुप्ता ने पत्रकारों से कहा, एमएबी को अप्रैल में लागू करने के बाद से हम इसकी लगातार समीक्षा करते रहते हैं और अक्टूबर में हमने इसे कुछ कम भी किया था। अब हम दोबारा इसकी समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राप्त हुई प्रतिक्रि याओं के आधार पर एमएबी और उस पर जुर्माने की हम समग्र समीक्षा कर रहे हैं। मौजूदा समय में मेट्रो और शहरी इलाकों में बचत खातों के लिए एमएबी 3,000 रपए है जिसके न रखने पर जुर्माना 30 से 50 रपए और कर अलग से है।

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