भीलवाड़ा, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार जनहित में कार्य करने वाली ऐसी सरकार बन गई है जिसके फैसले हमेशा याद रखे जाएंगे। इसी तरह का एक बड़ा कार्य रोडवेज के माध्यम से सरकार कर रही है। राजस्थान में रोडवेज का किराया 2014 से नहीं बढ़ाया जबकि डीजल की दर करीब दो गुणा हो चुकी है। यह बात कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं विधानसभा चुनाव-2018 में भीलवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अनिल डांगी ने सोमवार को मीडिया में जारी बयान में कहीं। डांगी के अनुसार पिछले दो वर्ष में ही डीजल प्रति लीटर 20-30 रूपए तक महंगा हो चुका है। निजी बसों व अन्य साधनों से यात्रा करना महंगा होता जा रहा है। इसके बावजूद राज्य सरकार महंगे डीजल का बोझ स्वयं वहन कर आमजन को सस्ता सफर करा रही है। राजस्थान सरकार के साथ मुख्यमंत्री अशेाक गहलोत स्वयं रोडवेज को मजबूत करने पर फोकस कर रहे है। मुख्यमंत्री स्तर पर रोडवेज के 5500 सेवानिवृत कर्मचारियों के 470 करोड़ बकाया ग्रेच्युटी भुगतान का फैसला हो चुका है और नए परिचालक भी नियुक्त होने जा रहे है। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनिल डांगी ने कहा कि रोडवेज बसों का बेड़ा भी निरन्तर बढ़ रहा है ओर नई बसों की खरीद भी हो रही है। इससे रोडवेज सबसे कम किराये में सबसे अच्छी बस सेवाएं दे रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पिछली भाजपा सरकार के समय रोडवेज बंद होने के कगार पर पहुंच गई थी और कर्मचारी लंबा आंदोलन करने पर विवश हुए थे। किसी भी समय रोडवेज बसें बंद हो जाने की अटकले लगने लगी थी। राजस्थान में पिछले करीब तीन वर्ष में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के प्रयासों से रोडवेज के निजीकरण की अटकले भी थम गई है। रोडवेज को मजबूत ही नहीं किया जा रहा बल्कि सुविधाओं का भी विस्तार हो रहा है। प्रतियोगी परीक्षाएं देने वाले अभ्यर्थी भी रोडवेज बसों में निःशुल्क सफर कर पा रहे है।