बाडमेर। सीमा जन कल्याण समिति बाडमेर के तत्वावधान में रविवार शाम को बाडमेर शहर के विद्यार्थी परिषद कार्यालय में राष्ट्र को मजबूती देने व सीमा को मजबूत करने के उद््देश्य से सशस्त्र पूजन किया गया।
सशस्त्र पूजन के मौके पर सीमा जन कल्याण समिति के संरक्षक एडवोकेट अम्बालाल जोशी ने मुख्य वक्ता के तौर पर कहा कि सशस्त्र पूजन से सीमा क्षेत्र में रहने वाले प्रत्येक नागरिकों में स्वयं की सुरक्षा के भाव, सीमा सुरक्षा की भावना के साथ-साथ देश को मजबूती मिलती है। प्रत्येक घरों में आत्मरक्षा के लिए सशस्त्र होने चाहिए। इस प्रकार के सशस्त्र जिसमें कानूनी बाधाएं नहीं हो, ताकि सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले प्रत्येक नागरिक अपने को सुरक्षित माने तथा किसी भी तरह की विपदा व अवांछित घटना होने पर उनका मुकाबला किया जा सकें। जोशी ने कहा कि यह कार्यक्रम आदिकाल से महाभारत के समय पांडवों ने यहां खेजडी के पेड की पूजा करते थे, क्योंकि इनके सारे सशस्त्र खेजडी के पेड में छिपाये होते थे। इसके बाद राजा महाराजाओं के समय में भी नवरात्रा के दिनों में बडे स्तर पर सशस्त्र पूजन किया जाता था। प्रत्येक दशहरे के अवसर पर बुराई पर अच्छाई की विजय के साथ प्रत्येक शहर व गांव में सामुहिक सशस्त्र पूजन का आयोजन किया जाता है। उसी परंपरा को कायम रखते हुए यह कार्यक्रम सीमा जन कल्याण समिति हर वर्ष यह कार्यक्रम मनाती है।
सीमा जन कल्याण समिति के प्रांतीय उपाध्यक्ष ओ.पी.चंडक ने इस मौके पर कहा कि सीमा जन कल्याण समिति के अखिल भारतीय स्तर पर रक्षा बंधन, सशस्त्र पूजन, स्थापना दिवस, भारत को जानो आदि चार प्रमुख कार्यक्रम होते है। जिसमें से सशस्त्र पूजन एक प्रमुख कार्यक्रम है, इसके तहत सीमावर्ती क्षेत्र के प्रत्येक गांव में ग्रामवासियों के सहयोग से सशस्त्र पूजन होता है। इसके तहत बाडमेर नगर इकाई द्वारा सशस्त्र पूजन का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष भंवरसिंह सोढा, समिति के प्रमुख एडवोकेट देवीलाल कुमावत, जिला संफ आयाम तनसिंह सोढा, युवा आयाम के प्रमुख छुगसिंह गिराब, नारायणलाल खत्री, मिर्चुमल कृपलानी, रेलूमल सिंधी, जिला कोषाध्यक्ष सुशील भंडारी, प्रचार प्रमुख जितेन्द्र छंगाणी, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, भारत विकास परिषद, विद्या भारती आदि के प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे। अंत में संफ आयाम प्रमुख तनसिंह सोढा ने सभी का आभार जताया।
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