बाडमेर। ’उफनता दूध थम गया। पवन की ठंडी ठंडी तेज हवाएं चलने लगी। पशु, पेड पौधे, जीव जंतु, आकाश पाताल में एक उमंग का माहौल, इतने में अजमल के घर आंगन में नन्हें कुमकुम के पगलिए दिखने लगे। चहुंओर आंखें खुशी के मारे छलकने लगी। क्योंकि अजमल घर आनन्द भयो, जय हो रामसा पीर की। ‘
यह दृश्य गुरूवार को लोक देवता बाबा रामसा पीर की जन्म भूमि व प्रथम उद्गम स्थल रामदेरिया काशमीर के भव्य मंदिर प्रांगण में चल रही ’लोक देवता बाबा रामदेव लीलामृत कथा‘ के दौरान बाबा रामदेव जी का जन्मोत्सव प्रसंग के दौरान देखने को मिला। श्री बाबा रामदेव जी अवतार धाम रामदेरिया काशमीर के भादवा मेला महोत्सव में लीला मृत कथा के दौरान कथा वाचक युवाचार्य संत अभयदास महाराज ने बाबा रामसा पीर के जन्मोत्सव पर प्रवचन देते हुए कहा कि धन्य है ये रामदेरिया काशमीर की भूमि। जिसे भारत वर्ष के लोग नमन वंदन करते है। महाराज ने कहा कि बाबा रामदेव जी की नित्य क्रम से सेवा आरती करने से मनुष्य की जीवन वृति सफल होती है। कथा में बाबा रामदेव जी के अवतरित होने का दृश्य देखकर पांडाल करतल ध्वनी से गूंज उठा। भक्तों ने जयकारे लगाए तथा आयोजन समिति ने पांडाल में पुष्प वर्षा की। संत ने रामदेवजी की बाल लीलाओं पर प्रवचन दिए। जैसे उफनते हुए दूध को रोकना, निसंतान के संतान सुख, कपडे के घुडलिए में प्राण फूंककर आकाश में उडाना। तत्पश्चात पांडाल में उपस्थित अनेक श्रद्धालुओं ने मंगला आरती का लाभ लिया। इसके बाद सभी भक्तों ने भोजनशाला में एक साथ प्रसाद ग्रहण किया। बाबा श्री रामदेवजी अवतार धाम मंदिर विकास संस्थान, रामदेरिया के उप सचिव ओमप्रकाश चंडक ने बताया कि मेला उत्सव व जागरण के तहत मंदिर परिसर में १० सितंबर तक श्री बाबा रामदेव जी लीलामृत कथा समय दोपहर १२ से ४ बजे तक पूज्य युवाचार्य अभयदास महाराज के मुखारविन्द से बाबा रामदेव जी के जीवन आधारित उनके दिव्य परचों की अनुपम कथा एवं नानी बाई का मायरा कथा चलेगी। ११ सितंबर की रात्रि ८ बजे स एक शाम बाबा रामदेव जी के नाम विराट भजन संध्या होगी। भजन संध्या में विश्व विख्यात कलाकार गजेन्द्र अजमेरा, सुनिल व मुकेश के द्वारा बाबा रामदेव एवं कृष्ण भगवान के भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। ११ सितंबर को सुबह १० बजे ध्वजारोहण व ११ बजे से शाम ७ बजे तक महाप्रसादी का आयोजन होगा। मीडिया प्रभारी किशन गौड ने बताया कि लोक देवता बाबा रामदेव की जन्म स्थली पर बने भव्य मंदिर के मेले में चल रही कथा में बाबा की लीलाओ को जीवंत रूप देने के लिए कलाकारों का सहयोग लिया जा रहा है। कलाकार बाबा का बचपन, भेदभाव मिटाने के संदेश, भैरव राक्षस का वध, बाबा द्वारा दिए गए विभिन्न परचे आदि का बेहतरीन तरीके से अभिनय कर राष्ट्रीयता एकता व अखण्डता को जीवित रखने के लिए संदेश दे रहे है। मेले व कथा में श्रद्धालुओं की भारी भीड उमड रही है।
Source :