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वागड़ पावागढ़ नंदनी माता तीर्थ पर पहुुंचे पर्यटन उन्नयन समिति सदस्य

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13 Oct 18
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 वागड़ पावागढ़ नंदनी माता तीर्थ पर पहुुंचे पर्यटन उन्नयन समिति सदस्य बड़ोदिया| जिला पर्यटन उन्नयन समिति के संरक्षक एवं पूर्व राजघराने के जगमालसिंह ने कहा है कि नन्दनी माता तीर्थ इको और धार्मिक पर्यटन दृष्टि से सर्वाधिक समृद्ध है और इसके पर्यटन दृष्टि से विकास के लिए यदि यहां रोप-वे स्थापित किया जाता है तो इसके पर्यटन दृष्टि से विकास के नवीन आयाम स्थापित होंगे।
सिंह ने यह उद्गार वागड़ का पावागढ़ नाम से प्रसिद्ध देवी तीर्थ नन्दनी माता की यात्रा दौरान नन्दनी माता वन विकास समिति के सदस्यों से संवाद दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने समिति के प्रयासों से यहां विकसित हुए 484 बीघा सघन वन क्षेत्र की सराहना की और कहा कि इस क्षेत्र की फेंसिंग करते हुए इसमें वन्यजीवों को मुक्त करते हुए इसे डिअर पार्क के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने यहां पर नियमित रूप से इको ट्रेकिंग सहित अन्य गतिविधियों के आयोजन का भी सुझाव दिया और इसके लिए उन्होंने वन विकास समिति के माध्यम से प्रयास करने को कहा।
इस मौके पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक कमलेश शर्मा ने तीर्थ के नैसर्गिक सौंदर्य की सराहना करते हुए इसे पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन और पर्यटन उन्नयन समिति की ओर से प्रयास करने की बात कही।
तीर्थ के महंत रामदास महाराज ने धाम परिसर में स्थित धूणी, जलकुण्ड और यहां पर हो रहे विकास कार्यों की जानकारी दी तथा कहा कि यहां पर पेयजल की स्थायी व्यवस्था किए जाने पर श्रद्धालुओं केा बड़ी सुविधाएं प्राप्त होंगी। इस मौके पर पर्यटन उन्नयन समिति के सदस्य सचिव हेमांग जोशी, समाजसेवी कमलनारायणसिंह घलकिया, विनोद पानेरी, जगदीश पाटीदार, सुरेश पाटीदार, भरत शर्मा, मुदित जोशी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
तीर्थ पर रोप-वे स्थापित करने की योजना:
नन्दनी माता वन विकास समिति के जितेन्द्र पाटीदार व विट्ठल पाटीदार ने समिति द्वारा इस तीर्थ के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी और कहा कि तीर्थ के प्रति श्रद्धालुओं की आस्थाओं को देखते हुए यहां पर पावगढ़ की भांति रोप-वे स्थापित करने की भी योजना बनाई गई है। उन्होंने रोप-वे स्थापित करने के लिए गाजियाबाद की जेसीएस रोप-वे कंपनी से किए गए संपर्क और इसमें हुई प्रगति की भी जानकारी दी। पाटीदार ने वन क्षेत्र में फेंसिंग व एनीकट निर्माण के लिए हुई स्वीकृति के बारे में भी बताया।
तीर्थ की चमत्मकारिक चट्टानों को देखा:
जगमालसिंह ने इस दौरान देवी तीर्थ के गर्भगृह में देवी की पूजा अर्चना की और यहां पर आयोजित महाआरती में भी भाग लिया। तीर्थ के महंत रामदास महाराज व मंदिर के पूजारी भरत शर्मा ने तीर्थ की प्राचीनता और देवी की महिमा के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने भैरव मंदिर, नंदेश्वर शिवालय पर दर्शन करने के साथ ही तीर्थ की ऊॅंचाई से चोखला और बड़ोदिया की तरफ की सरहदों और दूर-दूर तक पसरी हरियाली को देखकर प्रसन्नता जताई। उन्होंने धाम परिसर में स्थित चमत्कारिक चट्टानों को भी देखा और इनसे निकलने वाली संगीत ध्वनियों को भी सुना। इस मौके पर जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा, पर्यटन उन्नयन समिति के सदस्य सचिव हेमांग जोशी, समाजसेवी कमलनारायणसिंह घलकिया, जितेन्द्र पाटीदार, विट्ठल पाटीदार और श्रद्धालु मौजूद थे।
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