दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान पर हमला बोलते हुए दरगाह के खादिमों व गरीब नवाज सूफी मिशन के अध्यक्ष शेखजादा जुल्फीकार चिश्ती ने कहा है कि पठान द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर दरगाह की आस्था को ठेस पहुंचाई जा रही है। इसी का नतीजा है कि उन्होंने उनके विरुद्ध दरगाह के कर्मचारियों के माध्यम से झूठा मुकदमा दर्ज कराया है।
उन्होंने कहा कि अमीन पठान के दरगाह कमेटी अध्यक्ष पद पर बनने के बाद से ही कमेटी में नियम विरुद्ध कार्य होने लगे हैं, जिनको लेकर उनके व उनके साथियों द्वारा आवाज उठाई जा रहा है, जो कि प्रजातांत्रिक
अधिकार है। इसी आवाज को कुचलने के लिये पठान ने सात सितम्बर को षडयंत्र रचकर उनके विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। इसको लेकर बुधवार को दरगाह के प्रतिनिधियों ने पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात की है और पठान के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने के साथ-साथ मुकदमे की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई। चिश्ती ने कहा कि अमीन पठान के विरुद्ध जयपुर में क्रिकेट लीग को लेकर दर्ज हुए मुकदमे से दरगाह कमेटी के नाजिम को अवगत कराने तथा बिना औचित्य के दरगाह कमेटी की बैठक करने तथा धार्मिक राशि के दुरुपयोग को रोकने के लिये एक ज्ञापन दिया गया था, जिसकी प्राप्ति दरगाह कमेटी से प्राप्त की गई। इसके बाद से ही पठान बदले की भावना से ग्रसित हो गये तथा उन्होंने अपने कर्मचारियों को अपने पद के प्रभाव से प्रभावित कर मुकदमा दर्ज करारा है। चिश्ती ने बताया कि दरगाह कमेटी के द्वारा बनाई जाने वाली कायड विश्राम स्थली पर प्रस्तावित यूनिवर्सिटी नियमों के विरुद्ध है क्योंकि इस भूमि को पूर्व में मौलाना आजाद एज्यूकेशन फाउण्डेशन को आवासीय स्कूल बनाने के लिये एक करार कर दिया गया था। इसके लिये बकायदा दस करोड का प्रोजेक्ट बनाया गया था लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय में विचाराधीन एक मुकदमे के चलते अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रीन लैण्ड के बाबत् आपत्ति के चलते इसका कनवर्जन नहीं किया गया, इसके लिये दरगाह कमेटी ने प्राधिकरण में साढे तेरह लाख रुपये भी जमा कराये थे। पठान के द्वारा यूनिवर्सिटी के नाम पर देश के विभिन्न स्थानों पर जाकर चन्दा वसूली अभियान चला रखा है। इसके लिये ख्वाजा साहब की दरगाह में आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा दान में दी गई राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। ख्वाजा मॉडल स्कूल के रजिस्ट्रेशन को लेकर लगाये गये पठान के आरोप पर चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा मॉडल स्कूल का संचालन दरगाह कमेटी की देखरेख में लम्बे समय से चला आ रहा है लेकिन पठान ने इस स्कूल के लिये एक अलग संस्था रजिस्टर्ड करवा कर उसमें स्वयं व अन्य सदस्यों को शामिल कर लिया है जिसका सोसायटी विरोध करती आ रही है। आने वाले समय में दरगाह कमेटी मेम्बर की सदस्यता समाप्त होने के बाद भी पठान इसके माध्यम से दरगाह कमेटी में बने रहना चाहते हैं।
चिश्ती ने कहा कि सोला खम्बा शौचालय को लेकर हम सभी का सिर्फ इतना ही कहना है कि यह भूमि दरगाह ख्वाजा साहब की है और यहां सम्पूर्ण भूमि पर शौचालय का निर्माण होना चाहिए लेकिन पठान मिलीभगती कर शौचालय की भूमि व्यवसायिक व आवासीय निर्माण भी कराना चाहते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि दरगाह के नाम पर घोषणाएं कर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है, जिसका जीता जागता उदाहरण ख्वाजा मॉडल स्कूल में स्थापित की गई डिस्पेंसरी है। दरगाह से लम्बी दूरी होने की वजह से यहां कोई जायरीन नहीं पहुंच सकता। आज की स्थिति में डिस्पेंसरी के नाम का मात्र बोर्ड ही लगा हुआ है। यहां न तो चिकित्सक ना ही कोई दवाईयां उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पठान पर कोटा शहर में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनकी जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई है। इन्हीं सभी कारणों की वजह से पठान चिन्तित् हैं और अपने लिये सुरक्षा गार्ड सरकार से लेना चाहते हैं इसलिये इस तरह के षडयंत्र रच रहे हैं।
ज्ञापन देने वालों में अंजुमन यादगार चिश्तिया के अध्यक्ष हाजी अब्दुल जर्रार चिश्ती, शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष गुलाम मुस्तफा, काजी मुनव्वर अली, पीर नफीस मियां चिश्ती, हाजी इफ्तेखार चिश्ती, एडवोकेट रागिब चिश्ती, अब्दुल नईम खान, सैयद सलीम चिश्ती, रईस कुरेशी, मौलाना इकराम, मोहम्मद वाहिद आदि मौजूद थे।
अध्यक्ष
शेखजादा जुल्फीकार चिश्ती
गरीब नवाज सूफी मिशन