Udaipur . हेपेटाइटिस वायरस के कारण भारत में लाखों लोग प्रभावित होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया में इस वायरस से ज्यादातर लोग ग्रसित हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुमान के अनुसार, हेपेटाइटिस बी से भारत में लगभग 40 मिलियन लोग प्रभावित हैं। वहीं हेपेटाइटिस सी के संक्रमण से अब तक 6 से 12 मिलियन लोग प्रभावित हो चुके है़। इस बीमारी में आमतौर पर लीवर में सूजन आ जाती है, जो मुख्य रूप से हेपेटाइटिस वायरस ए, बी, सी, डी और ई के कारण उत्पन्न होती है और इन्हीं वायरस के चलते यह रोग होता है।
डॉ. राजन ढींगरा, कंसल्टेंट गैस्ट्रोलॉजी, पारस हेल्थ, उदयपुर ने बताया कि यदि इस पर जरा भी लापरवाही की गई तो आगे चलकर लिवर फाइब्रोसिस, सिरोसिस या लिवर कैंसर के रूप में भी यह तब्दील हो सकता है। इसलिए खासकर मानसून के समय बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसके लक्षणों में शुरुआती स्तर पर शारीरिक थकान, भूख में कमी, शरीर का तापमान कम होना, मतली और पेट दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। मानसून के मौसम में होने वाला हेपेटाइटिस ए और ई दूषित भोजन और पानी से फैलता है। इसके लिए लोगों को कुछ एहतियात बरतने की जरूरत है जैसे- लोगों को कच्चे या अधपके भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए, हाथों को हमेशा साफ रखने की आदत के अभ्यास को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, अच्छे पके भोजन को ही खाएं, और उबले पानी कि पिएं जिसमें वायरस न हों। यह वायरस अशुद्ध भोजन और जल के सेवन से फैलता है इसलिए स्वच्छता का खास ध्यान रखें और यदि आपको इसके लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।