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मकर सक्रांति पर दान पुण्य करने से अनुकूल फल प्राप्त होता है

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13 Jan 19
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मकर सक्रांति पर दान पुण्य करने से अनुकूल फल प्राप्त होता है

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल/श्री करणी नगर विकास समिति के आश्रय भवन में आयोजित गोष्टी में सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ नागेंद्र प्रतिहस्त ने बताया कि ज्योतिष एक वेदांत है उसमें वर्णित है कि व्यक्ति को यज्ञ करना चाहिए। काल शास्त्र का निर्णायक ज्योतिष शास्त्र है धनु राशि से सूर्य का संक्रमण मकर राशि में 24 घंटे के अंदर होता है, इसमें यज्ञ करना चाहिए। वैदिक संस्कृति में देवताओं के दिन में शुभ कार्य करने चाहिए। सूर्य उत्तरायण होता है तभी श्रेष्ठ माना जाता है। 

कर्म विभाग संहिता में कहा गया है कि मनुष्य कर्म के द्वारा ही देवत्व प्राप्त कर सकता है। पुण्य पाप भी कर्म आधारित होते हैं स्वर्ग नरक भी इसके माध्यम से प्राप्त होते हैं कर्म से ही मोक्ष प्राप्ति होती है। दुष्कमों से पतन होता है तथा उत्थान भी होता है। अच्छे कर्म भी काल के अनुरूप होने चाहिए मकर सक्रांति के पुण्य काल में दान पुण्य करने चाहिए उसका फल अनुकूल होता है। 

मकर सक्रांति 1 माह तक रहती है इसमें प्रयाग में 1 माह तक संगम में रमाआदि से पुण्य की प्राप्ति होती है। आपने विभिन्न राशियों पर इसका प्रभाव भी बताया। इसी क्रम में वृद्धाश्रम में भी डॉ विनीत जैन महावीर ईएनटी हॉस्पिटल के सौजन्य से वृद्धाश्रम के रहवासियों के लिए नाक, कान व गले की जांच एवं उपचार हेतु कैंप आयोजित किया गया। इसमें मुफ्त दवाएं एवं मुफ्त ऑपरेशन हेतु सुविधा देने का डॉक्टर द्वारा आश्वासन दिया गया तथा महावीर विकलांग सहायता समिति द्वारा विकलांगों को ट्राई साइकिल प्रदान की गई। 

अंत में श्री हरिमोहन शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया और सी.एम.सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापित किया


Source : डॉ. प्रभात कुमार सिंघल/
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