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अंजलि गायकवाड़ ने नगर निगम में बिखेरे सुरीले सुर

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21 Nov 17
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अंजलि गायकवाड़ ने नगर निगम में बिखेरे सुरीले सुर उदयपुर, सागर चातुर्मास व्यवस्था समिति की ओर से आचार्यश्री सुनीलसागर ससंघ के पिच्छी महोत्सव के अन्तिम दिन नगर निगम के टाउन हॉल प्रांगण में सारेगामापा लिटिल चैम्प 2017 अंजलि गायकवाड़ एवं उनकी बहन नन्दिनी गायकवाड़ की जोड़ी ने सुरो की ऐसी बरसात की कि पाण्डाल में उपस्थित सकल दिगम्बर जैन समाज के उपस्थित सैंकड़ों महिला- पुरूष और युवा अपने आपको रोक नहीं पाये और गुलाबी सर्दी और ठण्डी हवाओं के झौंकों के बीच थिरकने को मजबूर हो गये। पाण्डाल में उपस्थित हर वर्ग के व्यक्ति ने अन्जलि एवं नन्दिनी के साथ मिले सुर मेरा तुम्हारा वाला साथ निभाते हुए उसके साथ ही गाने लग गये।
मात्र 11 वर्ष की अन्जलि ने सबसे पहले गाये णमोक्कार महामंत्र एवं शारदा वन्दना में ही अपने सुरीले कण्ठ से हर किसी का मन जीत लिया। अन्जलि की आवाज, सुर एवं ताल के गठजोड़ का ऐसा जलवा देखकर श्रोताओं ने दांतो तले अंगूल दबादी। हर किसीने यही कहा कि इतनी सी छोटी उम्र में क्लासिकल संगीत का इतना प्यारा गायन वाकई में अदभुद है।
अन्जलि ने कुहु- कुहु बोले रे कोयलिया कुहु- कुहु बोले रे कोयलिया गीत से अपनी स्वर संध्या की शुरूआत की। इस गीत से हर श्रोता मंत्रमुज्ध हो गया और वाह-वाह क्या बात है की गूंज से उस नन्हीं सी परी का हौंसला बढ़ाया। इसके बाद बीती ना बीताए रैना, बिरहा की जाए रैना जैसा क्लासिकल गीत सुन कर दर्शकों ने अन्जलि का तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ उसका जोरदार स्वागत किया। तीसरे गीत पर तो अंजलि ने कमाल ही कर दिया। जब उसने श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, राधा का भी श्याम हो तो मीरा का भी श्याम। इस गीत- भजन पर तो पाण्डाल में बैठा हर व्यक्ति महिला- पुरूष- बच्चे या बूढ़े हर किसी ने अन्जलि के सुरों के साथ संगत शुरू कर दी। कई श्रोता अपनी जगहों पर खड़े होकर झूमने लगे तो और कोई-कोई तो श्याम की भक्ति में ऐसे डूबे कि मानो वो स्वयं कृष्ण हो या स्वयं ही राधा का रूप हो। अन्जलि को कई बार एक ही गीत को दुबसरा गाने के लिए फरमाईशें मिलती रही। अन्जलि की नन्दिनी ने मीरा के भजनों की ऐसी पोटली खोली कि एक से बढ़ कर एक भजन गाकर श्रोता दर्शकों का मन मोह लिया। हालांकि नन्दिनी ने भी एक दो क्लासिकल गीत गाये थे जिन्हें भी श्रोताओं ने खूब सराहा।
प्रचार मंत्री पारस चित्तौड़ा ने बताया कि शांतिलाल वेलावत, सुरेश पदमावत, देवेन्द्र छाप्या, जनकराज सोनी, जयंतिलाल रजावत, सेठ शांतिलाल नागदा आदि ने दीप प्रज्वलन किया। इसके बाद मंगलाचरण के साथ स्वर संध्या प्रारम्भ हुई। इस स्वर संध्या में सैंकड़ों की तादाद में महिला- पुरूष बच्चे और बुजुर्ग सम्मिलित हुए। शहर के अलावा उप नगरीय क्षेत्रों में हिरण मगरी, सेक्टर 3, 4, 5, 6, 9 ,11, 16 आदि से लोग पहुंचे इसके साथ ही गोवर्धन विलास, भुवाणा, फतहपुरा, अहिंसापुरी के साथ ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों से सकल दिगम्बर जैन समाज के सैंकड़ों श्रोता पहुंचे। देर रात तक नगर निगम पाण्डाल में सजी सुरों की संध्या।
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