उदयपुर। फोग्सी और नाईन मुवमेन्ट ने देशभर में मासिक धर्म से जुड़ी गलत अवधारणाओं को दूर करने के लिए उदयपुर में फोग्सी वेस्ट $जोन युवा कॉन्फ्रेन्स 2018 के दौरान अखिल भारतीय साझेदारी का ऐलान किया है। इस साझेदारी के तहत नाईन मुवमेन्ट देशभर में फोग्सी की 235 सोसाइटियों के साथ मिलकर काम करेगा, जिन्हें चार $जोनों में बांटा गया है। फोग्सी नाईन मुवमेन्ट की चेन ऑफ नाईन पहल को अपना समर्थन प्रदान करता है, जिसके तहत हर व्यक्ति को ‘9’ अन्य लोगों से बातचीत कर मासिक धर्म के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस दृष्टिकोण को चारों $जोनों की हर सोसाइटी में अपनाया जाएगा। उन्हें 9, 19 एवं 29 तारीखों को जागरुकता कार्यक्रमों के आयोजन तथा इस प्रक्रिया में 9 संस्थानों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। फोग्सी पब्लिक कमेटी के तत्वावधान में इस अखिल भारतीय अभियान का नेतृत्व चेयरपर्सन डॉ. अचर्ना वर्मा करेंगी।
इस अवसर पर आयोजित प्रेसवार्ता में वेस्ट जोन फोग्सी युवा कॉन्फ्रेन्स 2018 के दौरान अखिल भारतीय अभियान के लॉन्च पर बात करते हुए शुद्धप्लस हाइजीन प्रोडक्ट्स की सीईओ रिचा सिंह ने कहा कि अगले महीने हम आजादी की 71वीं सालगिरह मना रहे हैं, लेकिन आज भी देश में 71 फीसदी महिलाओं को अपने पहले पीरियड से पहले मासिक धर्म के बारे में कोई जानकारी नहीं होती। चौंकाने वाले ये आंकड़े हम सभी के लिए आहृान हैं। हमें खुशी है कि हमें ऐसा बदलाव लाने के लिए फोग्सी के साथ साझेदारी का मौका मिला है, जहां ‘पीरियड्स’ को रहस्य की तरह नहीं माना जाएगा, इस पर चुपके से नहीं बल्कि खुलकर बात की जाएगी। नाईन मुवमेन्ट और फोग्सी मिलकर उस अंतराल को दूर करना चाहते हैं जहां 18 फीसदी महिलाएं एवं लड़कियां ही माहवारी के दौरान सेनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं, जबकि 82 फीसदी महिलाएं आज भी अनहाइजीनिक एवं असुरक्षित तरीके अपनाती हैं।
फोग्सी के प्रेसीडेंट डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि फोग्सी एक पेशेवर संगठन है जो भारत में ऑब्सटेट्रिक्स एवं गायनेकोलोजी चिकित्सकों को प्रतिनिधित्व करता है। देशभर में इसके 235 सदस्य सोसाइटियां और 33,000 व्यक्तिगत सदस्य है। यह सदस्यता पर आधारित सबसे बड़ा संगठन है, ऑब्स्टेट्रिक्स एवं गायनेकोलोजी क्षेत्र के विशेषज्ञ इसके सदस्य हैं। हमने नाईन मुवमेन्ट के साथ मिलकर अखिल भारतीय अभियान की शुरूआत की है। वे मासिक धर्म से जुड़े मुद्दों पर जागरुकता फैलाने के लिए जो प्रयास कर रहे हैं, वे अपने आप में सराहनीय हैं। हमें उम्मीद है कि हमारी यह अखिल भारतीय साझेदारी देश की महिलाओं से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने में कारगर साबित होगी।
देश की बहुत सारी लड़कियों की कहानियों से प्रेरित होकर अमर तुलसीयान ने नाईन मुवमेन्ट का लॉन्च किया। इन लड़कियों को हाइजीनिक सेनिटरी प्रोडक्ट नहीं मिल पाते। अमर तुलसीयान, संस्थापक, नाईन मुवमेन्ट ने कहा कि हमें गर्व है कि हमें फोग्सी के साथ काम करने का मौका मिला है। यह अखिल भारतीय अभियान ह$जारों नागरिकों को मासिक धर्म से जुड़े मुद्दों पर जागरुक बनाएगा।
नाईन मुवमेन्ट एक महत्वाकांक्षी पांचवर्षीय योजना है। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के बारे में जागरुकता फैलाना तथा सभी लिंगों एवं आयु वर्गों के लोगों को इससे जुड़ी गलत अवधारणाओं के बारे में शिक्षित करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। नाईन मुवमेन्ट भारत में मौजूद उस अंतराल को दूर करना चाहता है जहां देश की सिर्फ 18 फीसदी महिलाएं एवं लड़कियां ही माहवारी के दौरान सेनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं, जबकि 82 फीसदी महिलाएं आज भी अनहाइजीनिक एवं असुरक्षित विकल्प जैसे पुराना कपड़ा, घास और यहां तक कि राख को अपनाती हैं। ये तरीके महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं और माहवारी से जुड़ी गलत अवधारणाओं का ही परिणाम हैं। जानकारी की कमी, गरीबी और इस विषय पर खुलकर चर्चा न होना स्थिति को और भी बदतर बनाते हैं।
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