उदयपुर, नारायण सेवा संस्थान के बडी ग्राम स्थित सेवामहातीर्थ में श्रीराम-कृष्ण कथा एवं ’अपनों से अपनी बात‘ में बुधवार को व्यासपीठ से कैलाश मानव ने कहा कि सत्य ही सबसे बडा धर्म है। इसलिए व्यक्ति को सद्मार्ग पर चलते हुए परोपकार करते रहना चाहिए, ताकि मनुष्य जीवन सार्थक हो सके। उन्होंन कहा कि ज्ञान से ही धर्म का बोध होता है। ज्ञान प्राप्ति के लिए सत्संग आवश्यक है। ज्ञान का बोध होने पर व्यक्ति अज्ञानता रूपी अंधकार से बच जाता है और जीवन प्रकाशवान हो उठता है।
कथा के दौरान दिव्यांगजन से विचारों को साझा करते हुए अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि कभी-कभी मनुष्य अपने आप में इतना व्यस्त हो जाता है कि घर, परिवार, समाज और देश -दुनिया से संफ कट जाता है, लेकिन जब दुःख आता है, तब वही मनुष्य अपनों के बीच पहुंचकर सुख की तलाश करता है। सुख-दुःख एक-दूसरे के पूरक हैं, लेकिन मनुष्य इसमें केवल सुख ही ढूंढता है।दुखः के बिना सुख का अर्थ और आनन्द प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसीलिए भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि कर्म करना चाहिए जिससे सुख मिले और यदि दुःख भी मिलता है तो वह भी प्रसन्नता से ग्रहण करना चाहिए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संस्कार चैनल पर हुआ। संचालन
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