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हाईटेक रामलीला का हुआ मंचन

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20 Jun 18
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 हाईटेक रामलीला का हुआ मंचन उदयपुर, रामलीला मंचन के प्रति लोगो मे हमेशा आकर्षण रहा है, पर अब आधुनिकता के साथ रामलीला के मंचन का तरिका भी19 जून। बदलता जा रहा है। ऐसी ही एक हाईटेक और मोटीवेशन से भरपूर रामलीला का मंचन नगर माहेश्वरी युवा संगठन की और से चल रहे महेश नवमी महोत्सव - 2018 के आयोजनों की श्रृँखला मे असेप एज्युकेशनल फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षित माहेश्वरी समाज के 60 से ज्यादा बच्चों ने मंगलवार को नगर निगम के सुखाडिया सभागार मे प्रस्तुत दी, जिसे देखकर दर्शक रोमांचित हो उठे।
आर्किटेक और मेटीवेशनल स्पीकर सुनील लढ्ढ़ा ने बताया कि इस रामलीला मे उन अनछुएं पहलुओं को दर्शाया गया जिनसे अधिकांश लोग अभी तक अनभिज्ञ है। रामलीला को एक अच्छे रूप मे प्रस्तुत करने के लिए माहेश्वरी समाज के बच्चों को आर्किटेक प्रियंका अर्जुन, डॉ. चित्रा लढ्ढ़ा, अमित गौरव, राजीव सेठी, और असेप की आर्किटेक टीम ने 10 दिन की कार्यशाला मे लाईट एंड साउंड के सहयोग से रामलीला का मंचन सिखाया।

रामलीला के अनछुएं पहलुओ से कराया रूबरू

संगठन के अध्यक्ष पंकज तोषनीवाल ने बताया कि रामलीला के दौरान लाईट एंड साउंड ईफ्ेक्ट के साथ दशानन द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अपने सिर काट कर भेंट करना, सीता की शक्ति को दर्शाते हुए सीता का धनुष को उठाना, राम-लक्ष्मण का विश्वामित्र के साथ गुरूकूल मे जाना, भगवान राम द्वारा ताडक़ा का वध, सीता के स्वयंवर के दौरान श्री राम द्वारा धनुष उठाना, राम के वनवास के दौरान कैकेयी का बलिदान, रावण की बहन सुरपंखा का वध, सीता द्वारा वन मे महलों के सुख अनुरूप वनवासी कन्याओं के साथ मानवता से रहना, सीता हरण, जामवंत द्वारा हनुमान का मागदर्शन, वानर सेना द्वारा राम सेतू बनाने के दौरान एक गिलहरी का सेतू निर्माण मे योगदान और अंत मे श्री राम द्वारा अहकारी राम की नाभि मे तीर मारकर वध करने जैसे प्रसंगो को बच्चों द्वारा बखूबी दर्शाया गया।

लाईट एंड साउंड इफेक्ट ने पैदा किया आर्कषण

रामलीला मंचन के दौरान असेप की टीम द्वारा रावण की अट्ठास, ताडका वध, सीता हरण, रावण वध के दौरान रावण की चित्कार आदी प्रसंगो के दौरान स्पेशल लाईट्स ईफ्ेक्ट और बेहतर साउंड से सुखाडिय़ा सभागार गुंज उठा इसके साथ ही इस हाईटेक प्रस्तुति को देखकर दर्शको ने भी तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ रामलीला के कलाकारों को लगातार हौंसला बनाये रखा।
रामलीला कार्यक्रम के संयोजक लक्ष्मीकांत मुंदडा ने बताया कि बच्चों व समाजजनो को अपने पौराणिक इतिहास से जोडने के लिए इस हाईटेक और मोटीवेशनल रामलीला का आयोजन किया गया, जिससे कि आने वाली पीढ़ी भी रामलीला के पात्रों से सीख लेते हुए त्याग, बलिदान, परोपकार, मर्यादीत जीवन को समझे।
सांस्कृतिक मंत्री अंकुर चेचानी ने बताया कि रामलीला मे विभिन्न पात्रों का किरदार अदा करने वाले समाज के सभी बच्चों को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही असेप की टीम द्वारा सम्पूर्ण रामलीला मे लाईट एंड साउंड के शानदार संयोजन के लिए भी प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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