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“ऊषा वारसी“ बनी प्रेरक

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26 May 18
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“ऊषा वारसी“ बनी प्रेरक उदयपुरवासी जागरूक महिला श्रीमती ऊषा वारसी मदर मिल्क बैंक भामाशाह के रूप में अपनी अदद पहचान रखती है। वर्ष 2011 में गुजरात में ऊषा को मिल्क बैंक की जानकारी मिली वहीं से उन्होंने मां बनने के बाद मिल्क दान करने का संकल्प ले लिया।

आखिर वर्ष 2013 में उन्हें पहला प्रसव ऑपरेशन से हुआ। बेड रेस्ट के बाद ऊषा ने मदर मिल्क बैंक को दूध उपलब्ध करना शुरू कर दिया। यह सेवा डेढ़ वर्ष तक उन्होंने जारी रखी। यही सेवा उन्होंने 2017 में दूसरे ऑपरेशन प्रसव के पश्चात भी दी और प्रसव के 7 दिन बाद से ही मिल्क डोनेट करना शुरू कर दिया जो अब तक सतत रूप से जारी है।

श्रीमती वारसी अब तक 140 बार में 17770 मिलीलीटर दूध का दान कर चुकी हैं। वारसी गर्व से कहतीं हैं कि ऐसे बच्चों तक उनका दूध पहुंचा है जहां उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं था, यह उनके लिए गौरव की बात है। वे हर प्रसूता महिला को इस पुनीत कार्य से जुड़कर जरूरतमंद नवजात शिशुओं का जीवन संवारने में योगदान देने को प्रेरित करती हैं। इस कार्य को अब वे अपने जीवन का अहम उद्देश्य मानकर आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाना चाहती हैं। आशा है ऊषा की यह महत्वपूर्ण पहल हर मां के मन में नौनिहालों के जीवन सहेजने की प्रेरणा जागृत करेगी और सेवाभाव के साथ मदर मिल्क बैंक स्थापना का उद्देश्य सार्थक होगा।

ऊषा वारसी के सराहनीय योगदान की जिला कलक्टर बिष्णुचरण मल्लिक ने मुक्तकंठ से सराहना की। श्रीमती वारसी को कलक्टर एवं अन्य अतिथियों ने चिकित्सालय के एक कार्यक्रम में सम्मानित भी किया।
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