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शिक्षक शिक्षा पर एक दिवसीय सेमीनार

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24 May 18
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उदयपुर | जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डिम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की ओर से बुधवार को शिक्षक शिक्षा पर आयोजित सेमीनार में डॉ. हरिसिंह गोड विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति प्रो. बलवंत जॉनी ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता पर यह भारत की संस्कृति सुन्दर, सज्जन एवं भावयुक्त सहज सहद्यी है इसी की वजह से आज भारत विश्व परिदृश्य पर रहा है किन्तु प्राचीन गौरव एवं विशेषताए है जो उन्हे पुनः २१वी सदी में नवीन करने की आवश्यकता है। सैद्वांतिक एवं व्यवहारिक रूप से वैश्वीकरण शिक्षा, विज्ञान तथा शिक्षक शिक्षा हेतु एक चुनौती है। अतः शिक्षा शिक्षा शिक्षकों को अपना ध्यान इस ओर केन्दि्रत करन की आवश्यकता है। तथा आज का भावी शिक्षक लोकमान्य कर्तव्यनिष्ठ एवं पुंजीवाद से दूर समाज निर्माण में मार्ग दर्शक के रूप में शिक्षित होकर समाज का निर्माण राष्ट्र हित में करे। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि आईटी के क्षेत्र. में काफी बदलाव हुए है डिजिटलाईजेशन के इस दौर में अब विधार्थियों के साथ साथ शिक्षको को भी अपडेट रहना होगा। उन्होने कहा कि जो शिक्षा मिलती है वह नौकरी एवं जीवन के लिए सार्थक है लेकिन सफल व्यक्ति बनना चाहते है तो सामुहिक कार्यक्रमों में भाग ले, यह जरूरी नही है कि जो पढाई में अच्छे है वह सफल है, शिक्षा का उद्देश्य अच्छा इंसान बनाना है। सेमीनार का संचालन डॉ. रचना राठौड ने किया जबकि आभार प्रो. सरोज गर्ग ने दिया। इस अवसर पर डॉ. बलिदान जैन, डॉ. वृन्दा शर्मा, डॉ. हरीश चौबीसा, डॉ. अमि राठोड, डॉ. सुनिता मुर्डिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कुलाधिपति का किया सम्मान ः- एक दिवसीय सेमीनार में डॉ. हरिसिंह गोड विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति प्रो. बलवंत जॉनी का कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने पगडी, शॉल, उपरणा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।


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