अहंकार आत्मबोध में बाधक
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12 Mar 18
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नारायण सेवा संस्थान के बडी स्थित परिसर में त्रिदिवसीय अपनों से अपनी बात एवं दीनबन्धु वार्ता कार्यक्रम के प्रथम दिन सोमवार को संस्थान संस्थापक कैलाश मानव ने कहा कि हमारे भीतर जब तक अहंकार है तब तक हमें ईश्वर नहीं मिल सकता है। एक व्यक्ति के जीवन में अहंकार सबसे बडा बाधक एवं शत्रु है। यदि हम ईश्वर की भक्ति करना चाहते हैं तो अपने अहंकार को त्यागकर प्रभु के चरणों में समर्पण करना होगा। अहंकार के रास्ते पर चलने वाले जीव से परमात्मा नहीं मिलता, जब तक व्यक्ति में अहंकार रहेगा तब तक उसे आत्मबोध नहीं होगा। आत्म चेतना से परमात्मा की प्राप्ति ही आत्म बोध है। जीवन उत्तम कर्म से सुधरता है,इसलिए बेहतर कर्म करें। संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संस्कार चैनल पर हुआ।संचालन ओमपाल सीलन ने किया।
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