भक्ति में अहंकार की कोई जगह नहीं
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16 Dec 17
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उदयपुर । भक्त अगर अपनी भक्ति पर अहंकार करने लगे तो, भगवान उसकी कठोर भक्ति से भी प्रसन्न नहीं होते। सच्चे मन से प्रभु की शरण में आए भक्त को भगवान कभी निराश नहीं लौटने देते। यह बात शनिवार को नारायण सेवा संस्थान की ओर से दिव्यांगों की निःशुल्क चिकित्सा के लिए छत्तीसगढ में आयोजित ’’भागवत कथा‘‘ के छठे दिन कथा वाचक आनन्द कृष्ण ठाकुर जी ने कही। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को कभी अहंकार नही करना चाहिए। भाव के बिना प्रभु भक्ति अधूरी है। सुदामा और भगवान श्रीकृष्ण की मित्रता प्रसंग की कथा श्रवण कराई। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सत्संग चैनल पर किया गया। संचालन सुरेन्द्र भारद्वाज ने किया।
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