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ऐष्वर्या षिक्षक प्रषिक्षण महाविद्यालय में दो दिवसीय ’ड्रामा व आर्ट ‘ पर कार्यषाला का समापन

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16 Dec 17
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उदयपुर। ऐष्वर्या षिक्षक प्रषिक्षण महाविद्यालय में दो दिवसीय ’ड्रामा व आर्ट ‘ पर कार्यषाला का समापन हुआ। मुख्य अतिथि सी.सी.ई.आर.टी.के पूर्व कार्यक्रम समन्वयक दीपक जोषी थे। इस अवसर पर जोषी ने षिक्षा में नाटक का महत्व समझाया तथा नाटक के प्रकार उसकी आधारभूत षिलाओं के बारें में छात्रों को विस्तार से बताया। उन्हने बताया कि नाटक बिना संगीत के अधुरा है। यमन राग सभी रागों का राजा माना जाता है। उन्होंने छात्रों को नाटक के माध्यम से बच्चों को षिक्षा देनी चाहिए।
प्राचार्य डॉ. राषि माथुर ने बताया कि रंगमंचीय कलाकार अमित श्रीमाली ने विभिन्न प्रकार की नृत्य मुद्राओं के जरिये छात्रों को सिखाया कि नृत्य भी रंगमंच का महत्वपूर्ण अंष है। संगीत व नृत्य द्वारा षिक्षा प्रभावी व जल्दी सीखी जा सकती है। मुख्यतः छोटे बच्चों में हाव-भाव, मुख-मुद्रा, वाणी का उतार-चढाव, शारीरिक संचालन एक अध्यापक को विषिष्ठ बना सकता है।

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