उदयपुर / सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के समापन पर मंगलवार को सेक्टर ११ स्थित नगर पालिका पार्क में पूज्य श्री भगवती कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भागवत कथा में चारों वेदों पुराण, गीता एवं श्रीमद भागवत महापुराणों की व्याख्या की गई है। सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज मे व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुन्दर समाज के निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। उन्होने कहा कि हम अपने धर्म के प्रति सचेत नहीं है शायद यही कारण है कि हम खुद के प्रति भी सचेत नहीं है। धर्म हमारी जड है धर्म को बढावा देना हम सभी की जिम्मेदारी हैं धर्म ही प्रभु से मिलवाता है। धर्म ही है जिसकी शरण में जाने पर हम अपनी मंजिल तक पहुच सकते हैं। उन्होने कहा कि जीवन बार बार नहीं मिलता इसे अच्छे काम में लगाओं लोगों का भला करो इसका फल मिलेगा। सुन्दर समाज के निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम से अपने को उसके अनुरूप आचरण करने को कहा जो कार्य प्रेम के माध्यम से संभव है व हिंसा से संभव नहीं हो सकता। छोटे से इस जीवन में देश व समाज के लिए अच्छे कर्मो द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है
भजन सुन भगवान में मग्न हुए भक्त ः- सात दिवसीय भागवत कथा के समापन पर भक्त राधे राधे, दुबारा कहे राधे राधे, भक्तों ने हाथों को उठा कर पुरे पंडाल का माहौल बदल दिया।
आयोजनकर्ता श्रीमती आशा धाबाई, सुरेन्द्र सिंह, अजय सिंह ने बताया कि कथा के अंतिम दिन भक्तों ने महाराज पर पुष्प वर्षा एवं भक्तो के लिए भंडारे की व्यवस्था की गई।
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