उदयपुर, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य हरिकृष्ण डामोर ने उत्कृष्ट शैक्षणिक सुविधाएं, रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम एवं आजीविका के बेहतरीन अवसर मुहैया कराते हुए जनजाति तबके का जीवन स्तर बेहतर बनाने की जरूरत बताई।
श्री डामोर सोमवार को जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्तालय में राज्य में जनजाति कल्याण के लिए चलायी जा रही विविध योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जनजाति विकास के लिए मुहैया कराए जा रही वित्तीय राशि की अधिकतम जनजाति वर्ग के लिए उपयोगिता तय करते हुए संरचनाओं के सृजन के लिए व्यय किया जाए। उन्होंने कहा कि जनजाति कल्याण के क्षेत्र में चलायी जा रही गतिविधियों का सतत निरीक्षण करते हुए आ रही कमियों को व्यावहारिक ढंग से पूरा कर इसमें और अधिक गुणवत्ता लाने के प्रयास किये जाएं।
विद्यार्थियों को मिले श्रेष्ठ माहौल
श्री डामोर ने कहा कि जनजाति तबके के समग्र उत्थान के लिए शिक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि जनजाति बालक-बालिकाओं को विद्यालय, आश्रम छात्रावास, कॉलेज स्तर पर मिलने वाली अध्ययन व कोचिंग सुविधाओं को बेहतर बनायें। जहां विषय अध्यापकों की कमी है, उसे दूर करने के ठोस प्रयास हों। मिड-डे-मिल व आवासीय सुविधाओं की गुणवत्ता परखी जाएं। विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड पर भी नज़र रखी जाए। जनजाति विकास आयुक्त भवानी सिंह देथा ने बताया कि विभाग को मिलने वाली कुल राशि का 30 फीसदी शिक्षा पर व्यय किया जा रहा है, विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति स्कूटी वितरण, मां बाड़ी केन्द्रों का संचालन, विशेष कोचिंग आदि गतिविधियों से सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।
बेहतर उत्पादन से बढ़े कृषकों की आय
जनजाति आयोग के सदस्य ने कहा कि जनजाति कृषक वर्ग को बेहतर कृषि तकनीक का लाभ पहुंचाते हुए गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के साथ ही उत्पादों के विपणन की उचित व्यवस्था कर अधिकाधिक आय अर्जन का लाभ दिलाने की जरूरत है। बैठक में बताया गया कि 8 लाख 30 हजार 851 कृषकों को कृषि विकास कार्यक्रमों से जोड़ा गया है।
वनाधिकार कानून का मिले लाभ
श्री डामोर ने कहा कि वन भूमि पर निवासरत वनवासियों को वनाधिकार अधिनियम के प्रावधानों का दिलाने के प्रभावी प्रयास हों। आयुक्त देथा ने जानकारी दी कि राजस्व अभियान: न्याय आपके द्वार शिविरों में अधिनियम के तहत 1889 आवेदन पट्टों हेतु प्राप्त हुए, जबकि पूर्व में मात्र 693 आवेदन प्रक्रियाधीन है।
योजनाओं की मिले जानकारी
श्री डामोर ने पिछडे़ जनजाति समुदाय को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए जनप्रतिनिधि, युवा मण्डल एवं विभागीय स्तर पर जागरूकता व प्रोत्साहनकारी गतिविधियों से कल्याणकारी योजनाओं, सरकारी भर्तियों के बाबत जागरूक करने की बात कही।
छात्रावास अधीक्षकों की जिम्मेदारी तय हो
श्री डामोर ने दूरस्थ क्षेत्रों में अध्ययनरत जनजाति विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक एवं आवासीय माहौल प्रदान करने की दिशा में छात्रावास अधीक्षकों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करने की जरूरत बताई और कहा कि विभाग के माध्यम से सतत् निरीक्षण भी किये जाएं।
बैठक में जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त भवानी सिंह देथा एवं अतिरिक्त आयुक्त हर्ष सावनसुखा ने विभाग की विविध योजनाओं की प्रगति, नवाचारी गतिविधियां, बजट की स्थिति एवं भावी विभागीय कार्यक्रमों पर विस्तार से जानकारी दी। बैठक में पीपीटी के माध्यम से परजेन्टेशन में अधिकारियों में निदेशक सांख्यिकी दिनेश जैन, संयुक्त निदेशक जिनेन्द्र जैन, पंकज मिश्रा, अधीक्षण अभियन्ता आर.के.माण्डोत सहित अन्य अधिकारियों ने विस्तार से चर्चा की।
Source :