उदयपुर बुजुर्ग अनुभव व ज्ञान का भण्डार हैं, उनकी सेवा में रहकर इन्हें जितना हासिल किया जाय, जीवन उतना ही सुन्दर बनेगा। यह बात सोमवार को नारायण सेवा संस्थान में ’अपनों से अपनी बात‘ के दूसरे दिन कैलाश मानव ने कही। उन्होंने कहा कि माता - पिता की सेवा में ही चारों धाम तीर्थ का लाभ निहित है। जो परिवार संयुक्त हैं,उसमें सहयोग,सद्भाव व प्रेम रहता है। अहंकार और अभिमान ही परिवार के दुखों का कारण हैं। राग-द्वेश और स्वार्थपरक जीवन व्यर्थ है। दूसरों की सेवा और सम्मान से जो आनन्द प्राप्त होता है,वह अनुपम और दुर्लभ हैं। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आस्था चैनल पर किया गया। संचालन महिम जैन ने किया ।
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