उदयपुर। जबसे हमने शारीरिक श्रम करना बंद कर दिया है, बीमारियों ने शरीर में अपना घर बना लिया है। परिश्रम से शर्म मत कीजिए, आत्मविश्वास के साथ आगे बढिये। आदतें, खानपान और जीने के पाश्चात्य तौर तरीके छोड समृद्ध पुरातन जीवन शैली अपनाइये, मुर्झाए हुए नहीं खिले हुए, ओज वाले चेहरे के साथ जीवन जीएं। यह विचार मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.जे पी शर्मा ने गुरुवार को सेवा परमोधर्म ट्रस्ट, समाजसेवाी दादा कान हसोमल लखानी हांगकांग, गीतांजली हॉस्पीटल उदयपुर, ट्रस्ट हेव-अ-हार्ट बेंगलूरू के साझे में नारायण सेवा संस्थान सेक्टर-4 में आयोजित दो दिवसीय निःशुल्क ह्रदयरोग जांच एवं शल्य चिकित्सा शिविर के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
कुलपति ने कहा कि हरड-बरड, आंवला जैसी देसी चीजों को जीवन में अपना लें तो डाक्टर के पास जाने की जरूरत ही नहीं पडती है। आंवल के नियमित प्रयोग से ह्रदय रोग नहीं होगा, योग व्यायाम से ब्लॉकेज की समस्या ही नहीं रहेगी। छोटे-छोटे उपाय करके हम खुद को निरोगी बना सकते हैं। कुलपति ने सेवा परमोधर्म ट्रस्ट के माध्यम से जो पीडित मानवता की सेवा की जा रही है वह अद्भुत है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि अपने राष्ट्रवाद की भावना के साथ अपने जीवन को चेरिटी से अवश्य जोडें। दूसरों की मदद करने से ही जीवन सार्थक हो सकता है।
डीआईजी जेल प्रीता भार्गव ने कहा कि बंदिय के कल्याण के लिए सेवा परमोधर्म ट्रस्ट ने जो सेवा की, उसकी मैं प्रत्यक्षदर्शी हूं। दिल के रोगियों को निशुल्क चिकित्सा संबल देने का संकल्प कोई साधारण काम नहीं है। इसके लिए त्याग, तप करना पडता है। सामूहिक प्रयास कर जुटना पडता है। निरंतर सेवा भाव से ही हम बडे लक्ष्य को अर्जित कर सकते हैं।
नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक पद्मश्री कैलाश मानव ने कहा कि एकमुट्टी आटे के साथ शुरू किया गया संकल्प आज महायज्ञ बन गया है। दुनियाभर के लोग सेवा संकल्प के साथ आहुतियां दे रहे हैं। हम खुद आत्म प्रज्वलित हों, दूसरों को भी सेवा के प्रति संकल्पित करें। वंदना अग्रवाल ने शिविर की रूपरेखा के बारे में बताया और कहा कि दैनंदिन जीवन को सेवा कार्यों से जोड कर पहले छोटे व उसके बाद बडे संकल्पों को साकार किया जा सकता है। लक्ष्य के प्रति अथक प्रयास, अटूट समर्पण होना चाहिए।
डॉ. सीपी पुरोहित ने दिल के मरीजों को खाने में तली हुई, वसायुक्त चीजों सेदूर रहने की सलाह दी। साथ ही क्रोध नहीं करने, नियम से व्यायाम करने और बढती उम्र के साथ नियमित अंतराल पर डॉक्टरी जांच करवाने की हिदायत दी। डॉ. संजय गांधी ने कहा कि किसी भी कारण से जब दिल की बीमारियां बहुत ज्यादा बढ जाएं और ऑपरेशन की नौबत आ जाएं तो बजाय टालमटोल के विशेषज्ञों की सलाह मान कर तत्काल ऑपरेशन करवा लेना चाहिए। उदयपुर नर्सिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक कमल पाहुजा, ऐश्वर्य त्रिवेदी, दीपक मेनारिया ने भी विचार व्यक्त किए।
700 से ज्यादा मरीजों का उपचार
शिविर में अंतिम दिन भी उदयपुर संभाग सहित, मध्यप्रदेश, गुजरात व अन्य राज्यों के सैंकडों मरीजों की अलसुबह से ही सेक्टर-4 स्थित नारायण सेवा संस्थान परिसर के बाहर पंजीयन के लिए कतारें लग गई। बारी-बारी से सबकी जांच की गई तथा उन्हें विशेषज्ञों के पास रेफर किया गया। चयनित मरीजों को निशुल्क जांच के बाद तुरंत वाहनों से गीतांजलि अस्पताल भेज कर शल्य चिकित्सा के लिए भर्ती करवाया गया। ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी पुरोहित, डॉ. हरीश सनाढ्य, डॉ. रमेश पटेल की टीम ने बारीकी से जांच की व उसके बाद तत्काल ऑपरेशन वाले मरीजों को सर्जन डॉ. संजय गांधी, डॉ. सुरेंद्र पटेल के पास रेफर किया। एनेस्थेटिक टीम के डॉ. अंकुर गांधी, डॉ. मनमोहन जिंदल, कल्पेश मिस्त्री, धरमचंद जैन ने सेवाएं दीं। दो दिन में ह्रदय रोगियों सहित अन्य जटिल रोगों से पीडित 700मरीजों का उपचार कर निशुल्क जांचें की गईं व दवाइयां दी गई। शिविर में सीएजी, इक्को, टीएमटी, पीटीआईएचआर, सीएजी, एचएसडी, वाल्व, एमवीआर, डीवीआर, टीवीआर, बीएमवी सहित कई अन्य जटिल बीमारियों की जांचें निःशुल्क हईं।
Source :