GMCH STORIES

बेटियां बचाने के अभियान में राजस्थान बना रॉल मॉडल

( Read 10706 Times)

29 Jun 17
Share |
Print This Page
बेटियां बचाने के अभियान में राजस्थान बना रॉल मॉडल राजस्थान में कन्या भ्रुण हत्या रोकने के लिए सफलतापूर्वक लागू किए गए कानून का असर देशभर में दिखने लगा है। राज्य सहित बाहरी राज्यों में हो रहे डिकॅाय आपरेशन की श्सख्ती स ेअब अन्य राज्य भी इसी तर्ज पर मुखबिर योजना शुरू कर रहे है। इसी कडी में उत्तरप्रदेश में यह योजना लागू कर दि गई है। राजस्थान के बाद अब युपी पीसीपीएनडीटी कानून लागू करने वाला राज्य बन गया है। कुछ समय पहले उत्तरप्रदेश की टीम राजस्थान पहुची थी। जहां उन्होंने पीसीपीएनडीटी सेल की कार्यवाही को समझा और इसी आधार पर विगत दिनों राजस्थान के अधिकारियों सहित युपी टीम ने बुंलद श्शहर में डिकॉय आपरेशन को अंजाम दिया। यही वजह है कि युपी सरकार ने मुखबिर योजना को लाग करने में देर नहीं की। इसके अलावा गुजरात, झारखण्ड, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश व पंजाब में भी पीसीपीएनडीटी सेल स्थापित की जा रही है।ॅ
एनएचएम के मिशन निदेशक नवीन जैन ने बताया कि पीसीपीएनडीटी टीम ने अभी तक ७५ आपरेशन किए है। जिनमें ७ युपी में हुए उन्होंने बताया कि अब तक हुए डिकॅाय आपरेशन में ५९ राजस्थान व १६ डिकॅाय राजस्थान के बाहर हुए उन्होंने बताया कि राजस्थान ने साबित कर दिया है कि पीसीएनडीटी कानून लागू करने में राज्य देश में अव्वल है। आगामी दिनों में लगातार कार्यवाही जारी कर कन्या भ्रुण हत्या का कलंक जड से मिटाने का प्रयास करेंगे। विगत दिनों युपी के अधिकारी राजस्थान आए थे। जिन्होंने मुखबिर योजना को समझते हुए अपने प्रदेश में भी लागु करने की मंशा जताई। इसी तरह अन्य हिमाचल प्रदेश अधिकारी भी जल्द ही राज्य में मुखबिर योजना को सीखने आ रहे है। मिशन निदेशक नवीन जैन के नेतन्व में टीम का मनोबल बढा है। टीम सर्वश्रेष्ठ परिणाम दे रही हे।
राजस्थान की टीम ने की युपी में की कार्यवाही
डिकॉय कार्यवाही में स्पेशलिस्ट बनी राजस्थान की टीम विगत दिनों बुलंद ष्शहर उत्तरप्रदेश जाकर डिकॉय आपरेशन ीकया एएसपी श्री रघुवीर सिंह ने बताया कि सुचना मिली थी की बुलंदशहर में भ्रुण लिंग जांच करने का खेल चल रहा है। इसके बाद रणनीति तैयार कर उत्तरप्रदेश की टीम के साथ कार्यवाही करते हए दो डिकॉय किए गए। दोनों डिकॉय आपरेशन सफल रहे। इसी तरह पंजाब, सहित अन्य पडौसी राज्यों में डिकॉय कार्यवाही की गई।
एमडी जैन की बदौलत मुखर हुए मुखबिर
श्री सिंह ने बताया कि मुखबिर योजना २०१२ में शुरू की गई। जिसमें मुखबिर को ही सूचना मिलने पर राशि दि जाती थी। वर्ष २०१५ में नवीन जैन के आने के बाद इसमें फेरबदल किया गया। और इसमें गर्भवती महिला व महिला के सहयोगी को भी षामिल किया गया । योजना में मिलने वाले दो लाख रूपए को ४०ः४०ः२० के अनुपात में मुखबिर, गर्भवती महिला ओर महिला के सहयोगी में बाटा जाता था। श्री जैन के प्रयासों से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ २०१६ में राशी बढाकर ढाई लाख कर दी। एक लाख रूपए मुखबिर को, एक लाख रूपये गर्भवती महिला को व ५० हजार रूपए महिला के सहयोगी को दिए जा रहे है। उन्होनें बताया कि अब तक ३७ लाख रूपए मुखबिर योजना के तहत वितरीत किए जा चुके है।
बढ रहा लिंगानुपात
राज्य में हो रहे डिकॉय आपरेशन के सकारात्म परिणाम सामने आने लगे है। जबसे डिकॉय श्शुरू हुए है। उसके बाद लगातार लिंगानुपात में बढोतरी हो रही है। श्री सिंह ने बताया कि जनगणना २०११ के अनुसार राज्य में लिंगानुपात ८८८ था। वर्तमान में पीसीटीएस आकडों के मुताबिक राज्य का लिंगानुपात ९३९ हो गया है। और भविष्य में भी लिंगानुपात बढोतरी की संभावना है। यहीं नहीं बेटी बचाओं अभियान के लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।
उदयपुर में बढ रहा लिंगानुपात
जनगणना २०११ के अनुसार उदयपुर में लिंगानुपात ९२० था। वर्तमान में पीसीटीएस आकडों के मुताबिक उदयपुर का लिंगानुपात ९९३ हो गया है। उदयपुर संभाग में कुल ४ डिकॉय जिले सहित बासवाडा में व पडौसी राज्य गुजरात व मध्यप्रदेश में हुए। उदयपुर जिला भी निरंतर पीसीपीएडीटी प्रभावी कि्रयान्वयन के लिए कार्य किए जा रहे है। सोनोग्राफी संस्थान के चिकित्सकों के द्वारा भी बेटी बचाओं अभियान के तहत बिलिया गांव की २७ बेटियों को शिक्षा के लिए गोद लिया गया है। रत्नागिरी पहाडी पर १५ अगस्त के पश्चात बेटियों के नाम पर परिजनों से प्रशासन द्वारा पौधारोपण करवाया गया। वह निरंतर प्रयास जारी है।

Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : National News , Udaipur News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like