उदयपुर। दुनिया की दूसरी सबसे बडी जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने अपने प्लांट के आसपास के क्षेत्रों के चारों तरफ स्ट्रीट लाईट स्थापित की है। ये स्ट्रीट लाईट विनिर्माण दोष के कारण खराब हो रहे थे, यह प्रबंधन के लिए बहुत बडी चिंता का विषय था। अत्यधिक बिजली बिल बढने के कारण प्रबंधन भी चिंतित था। सौर ऊर्जा के लाभों के बारे में जागरूक होने के बाद प्रबंधन ने सौर ऊर्जा स्थापित करने का फैसला लिया।
इसी क्रम में सौर ऊर्जा को बढावा देने के लिए सु-कैम नामक कम्पनी इस पहल में आगे आई। सु-कैम की पहल से हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड प्लांट के चारों ओर पूरे क्षेत्र को सौरकृत किया गया है। सनवे एल13 मॉडल की कूल 57 स्ट्रीट लाईट को प्लांट के चारों तरफ मुख्य स्थानों पर स्थापित किया गया है। एल13 मॉडल 4 मीटर से 31लक्स देता है और खेत, छोटी सडकों, जैसी जगहों के लिए शानदार प्रकाश समाधान प्रदान करता है। वे अन्य स्ट्रीट लाईट की तुलना में 30 से 50 प्रतिशत तक अधिक रोशनी भी प्रदान करते है हल्के वजन और कम रखरखाव लिथियम आयन बैटरी जैसे सुविधाओं के साथ। इस स्ट्रीट लाईट को एक पोल के सहारे बैटरी बैंक, सोलर पैनल और एलएडी या सीएफएल लाईट के साथ स्थापित किया गया है।
दिन के समय, सोलर पैनल्स सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करता है और बैटरी में संगृहीत करता है। रात के समय स्ट्रीट लाईट, बैटरी में संगृहीत किये गये पॉवर से ऊर्जा लेकर रोशनी प्रदान करती है। स्ट्रीट लाईट की क्षमता भौगोलिक क्षेत्र पर निर्भर करती है। ये स्ट्रीट लाईट शाम 7 से सुबह 7 बजे तक जलती है।
सु-कैम के प्रबंध निदेशक कुँवर सचदेव ने कहा कि सौर स्ट्रीट लाईट भारत के ऊर्जा रोडमैप के भविष्य है। दूरदराज के क्षेत्रों जहां पूर्ण रूप से बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां पर सोलर स्ट्रीट लाईट काम में आती है। हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने सौर उर्जा अपनाकर समाज में एक उदाहरणात्मक मिशाल पेश की है। जिंक के प्रवक्ता ने कहा सोलर लाईट के स्थापित करने के फैसले से खुश है। वे पर्यावरण के अनुकूल है और बिजली कटने पर प्रभावी समाधान है। सौर ऊर्जा में इस पूरे देश के परिदृश्य को बदलने की क्षमता है।
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