उदयपुर। जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के ईएनटी विभाग में सात साल के बच्चे की थायरोइड की गठान का ऑपरेशन किया गया। इस गठान के कारण बच्चे में थायरोइड अधिक बन रहा था, जिससे उसकी जान जोखिम में थी।
ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि राजसमंद निवासी सात वर्ष के बच्चे को जन्म से शरीर में ज्यादा थायरोइड बनने की शिकायत थी। इस पर परिजनों ने कई जगह संफ किया। यहां ईएनटी विभाग में डॉ. कनिष्क मेहता से संफ करने के बाद उसके थायरोईड की ग्रंथि में गठान पाई गई। उसकी बायोप्सी जांच के बाद ईएनटी सर्जन डॉ. कनिष्क मेहता ने बच्चे का ऑपरेशन कर थायरोइड की गठान को हटाना तय किया। करीब तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद इस गठान को पूरी तरह हटा दिया गया। डॉ. मेहता के अनुसार इसे मेडिकल साइंस में कजीनाइटल ग्रेव्स डिजीज कहा जाता है, जिससे बच्चे की जान को भी खतरा था।
एक लाख में एक को होता है यह रोग
डॉ. मेहता ने बताया कि विश्व स्तर की रिपोर्टिंग के अनुसार कंजीनाइटल ग्रेव्स डिजीज एक लाख में एक बच्चे को होती है। इस गठान के बढने से उसके शरीर में थायराइड ज्यादा बन रहा था। इससे बच्चे की आंखें बाहर उभरी हुई थी और स्वभाव चिडचिडा हो गया था। बच्चे का मन इन्हीं कारणों से पढाई में भी नहीं लग रहा था। इस ऑपरेशन के बाद बच्चे का थायरोइड भी नियंत्रण में है। अब बच्चा आम बच्चों की तरह स्वभाव करने लगा है।
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