उदयपुर । नारायण सेवा संस्थान के लियों का गुडा स्थित सेवामहातीर्थ, बडी में सोमवार को संस्थान संस्थापक कैलाश मानव ने ’’अपनों से अपनी बात‘‘ कार्यक्रम के समापन में कहा कि दुख को दुर्भाग्य मानने की गलती न करें, वह तो जीवन षक्ति है जो सफलता का मार्ग निर्देशित करती है। जिसके जीवन में दु,ःख अथवा संघर्श नहीं वह कभी सुख की अनुभूति नहीं कर सकता । यह बात उन्होने उन दिव्यांगों से कही जो विभिन्न प्रांतों से यहां निःशुल्क पोलियो करेक्टिव सर्जरी के लिए आए हैं।
अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि जब व्यक्ति निश्ठा के साथ अपने कर्म में लग जाता है तो वह धर्म और पूजा बन जाता है। मोक्ष की कामना सभी करते है,किन्तु जीते जी मोक्ष को प्राप्त करते हुए देखना है ता पीडितों की सेवा कर देखा जा सकता है । दूसरों की निंदा से व्यक्ति अपने ही नजरों में गिर जाता है। जबकि दूसरों का हित व चिंतन करने वाला व्यक्ति दूसरों के दिल में अपना स्थान बना लेता है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संस्कार चैनल पर किया गया। संचालन महिम जैन ने किया ।
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