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क्वालिटी एज्युकेशन एवं रिसर्च वर्क को प्राथमिकता दे - प्रो. सारंगदेवोत

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17 Feb 17
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उदयपुर | जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय डबोक के अन्तर्गत संचालित भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अन्तर्गत संचालित सी.टी.ई. कार्यक्रम सलाहाकार समिति की बैठक शुक्रवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन प्रतापनगर में वाइस चांसलर प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत की अध्यक्षता में हुई। विशिष्ठ अतिथि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर के जिला शिक्षा अधिकारी इजहार अहमद तथा नोडल एजेंसी के मोहनलाल जिंगर थे तथा बैठक में विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी एवं शिक्षाविद् डॉ. एम.पी. शर्मा तथा प्रो. के.सी. मालू उपस्थिति हुए। अतिथियों का स्वागत प्राचार्य शशि चितौडा ने किया। सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रतिवेदन एवं प्रस्तावित कार्ययोजना सी.टी.ई. समन्वयक डॉ. बी.एल. श्रीमाली ने दिया। धन्यवाद डॉ. सरोज गर्ग ने दिया।
डॉ. शशि चितौडा ने बताया कि बाल अधिकार एवं किशोर अवस्था शिक्षा, शांति के लिए शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा, पुस्तकालय विज्ञान शिक्षा, केरियर एवं क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षा, कम्प्यूटर एवं श्रृव्य दृश्य शिक्षा, मूल्य शिक्षा, स्वास्थ एवं योग शिक्षा, सहित विभिन्न विषयों पर पूरे वर्ष कार्यशालाएं आयोजित की जायेगी। जिनमें डुंगरपुर, बांसवाडा, चितोडगढ एवं राजसमंद, सिरोही, भीलवाडा जिलों के शिक्षक भाग लेंगे।
स्कील डेवलपमेन्ट, रिसर्च एवं क्वालिटी एज्यूकेशन को दे प्राथमिकता ः- उच्च शिक्षा के शिक्षकों से कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने आव्हान किया कि प्रोफेसर ५० फीसदी टीचिंग पर तो ५० फीसदी रिसर्च पर ध्यान दे। ज्यादा से ज्यादा क्वालिटी एज्यूकेशन व शोध वर्क को महत्व दे तथा विद्यार्थियों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें। उन्होने कहा कि भावी योजनाओं में कौशल आधारित पाठ्यक्रम पर अधिक से अधिक जोर दिया ज तथा उच्च शिक्षा से जुडे प्रबंध पत्रों को अधिक से अधिक जोडा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को मानसिक स्तर पर मजबूत बनाने की आवश्यकता है। इन सेवारत प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को मानसिक स्तर पर मजबूत किया जा सकता है। कौशल आधारित प्रशिक्षण विद्यार्थी को विद्यालय स्तर पर से प्रारम्भ किया जाना चाहिए।शोध परियोजनाएं ः- पूरे वर्ष राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के अतिरिक्त अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के व्याख्यान भी आयोजित किए जायेंगे। व २० प्राध्यापकों ने शिक्षा के विभिन्न आयामों पर अपने नये रिसर्च प्रोजेक्ट लिए है।

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